भोपाल. मध्य प्रदेश में 100 से अधिक जर्जर सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 1373 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है. इसमें जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी तक फोर लेन की सड़क भी शामिल है. इनमें से अधिकांश सड़कें जुलाई 2023 तक बन कर तैयार हो जाएंगी. माना जा रहा है कि इससे खराब सड़कों से लोगों को राहत मिलेगी. यहां बता दें कि केंद्र सरकार से मिली इस मदद को अगले पचास साल में वापस लौटाना होगा.
जबलपुर की इन तीन मुख्य परियोजनाओं में होगा फंड का इस्तेमाल
जबलपुर की तीन मुख्य परियोजनाओं के लिए इस फंड का उपयोग किया जाएगा. रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से डुमना तक फोर लेन रोड के लिए 30 करोड़, नर्मदा नदी में लम्हेटा घाट रोड पर हाई लेवल केबल स्टे ब्रिज के लिए 16 करोड़ 28 लाख और बरेला-निवास की इंडस्ट्रियल एरिया रोड के लिए 20 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
जुलाई 2023 तक 99 सड़कों का काम पूरा करने का लक्ष्य
राज्य के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि प्रदेश में निर्माणधीन 99 सड़कों का कार्य जुलाई 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. बाकी अपूर्ण एवं नवीन स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य अप्रैल 2024 तक पूर्ण होंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2 नवीन सड़क तथा 107 अपूर्ण सड़कों को पूर्ण करने के लिए 1373 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
मंत्री भार्गव ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवीन और अपूर्ण सड़क निर्माण के कार्य गुणवत्तापूर्ण और निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किए जाना सुनिश्चित करें. उन्होंने बताया कि दो नवीन और 107 अपूर्ण सड़कों के पूरा होने पर प्रदेश के करीब 15 जिलों में आवागमन सुगम बनेगा.
अगले 50 सालों में केंद्र को वापस करनी होगी राशि
वहीं लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के मुताबिक, पूंजीगत व्यय के लिए केन्द्र पोषित विशेष सहायता 2022-23 के तहत केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 1373 करोड़ 27 लाख रुपये की ऋण स्वीकृति प्रदान की गई. यह राशि अगले 50 वर्ष में राज्य सरकार को वापस करनी होगी. उन्होंने बताया कि इस राशि से दो नवीन सड़कों रीवा-ब्यौहारी से टेटका मोड तक 125 करोड़ रुपये और नर्मदापुरम-पिपरिया रोड 70 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है. साथ ही इस राशि से अन्य सड़कों का निर्माण भी पूरा किया जाएगा.