इंदौर। देश में सफाई के मामले में अलग पहचान बना चुके मध्यप्रदेश के इंदौर शहर की कुछ अलग ही पहचान है। वैसे तो यहां चारों तरफ क्लीन ही क्लीन नजर आता है, लेकिन प्रकाश का पर्व दीपावली पर कचरा न फैले हो ही नहीं सकता, क्योंकि हर तरफ पटाखा फोड़े जाते हैं इस कारण धुआ और उनमें से निकलने वाला कचरा रोडों पर दिखाई देने लगता है। ऐसे में इंदौर में इस साल दीपावली का पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है, क्योंकि कोरोना के चलते पिछले दो सालों से लोग त्योहार ठीक तरह से नहीं मना पा रहे थे, किन्तु इस बार हर इंदौरी दीपावली के इस पर्व में रम गया। यूं तो पांच दिनी इस दीपोत्सव की धूम तो काफी पहले से ही शुरू हो गई थी।
इन सबको नजरअंदाज करते हुए लोगों में दीपोत्सव के आनंद का चरम ऐसा था कि आतिशबाजी के सामने महंगाई और तंगी जैसे शब्द बौने हो गए। दूसरी ओर रंग-बिरंगी व झिलमिलाती रोशनी से तो पूरा इंदौर ऐसा सराबोर हो गया हजार फीट ऊंचाई से ड्रोन वीडियो से इसकी खूबसूरती देखने के बाद नजर नहीं हटती।
दीपावली पर सूखा कचरा आम दिनों की अपेक्षा पांच टन अधिक रहता है, इसलिए डोर टू डोर कलेक्शन के लिए भी अतिरिक्त वाहन लगाए गए। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने सुबह पांच बजे सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि होली, दीपावली व अन्य त्योहारों पर नगर निगम विशेष प्लानिंग करता है,ताकि शहर की स्वच्छता बरकरार रहे। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों ने सफाईकर्मियों को उतारा। यहां प्रमुख सड़कों, बाजारों के साथ कॉलोनियों में सफाई करवाई गई। दीपावली की रात होने वाले कचरे को लेकर अगले दिन सफाई के चलते अधिकारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया।
इंदौर नगर निगम के पास बड़ी सड़कों की सफाई के लिए विशेष अत्याधुनिक मशीनें हैं। जिन्हें देर रात में ही सड़कों पर उतार दिया। निगम अधिकारियों ने यह पूरा प्लान पहले ही बना लिया था कि जब दीपावली के अगले दिन जनता सड़क पर आए, तो उन्हें शहर चकाचक दिखे। इसके लिए उन्होंने सफाईकर्मी नेताओं से भी बात कर उनके परामर्श के बाद योजना बनाई थी। मशीनें और हजारों सफाईकर्मी देर रात से सुबह तक जुटे रहे और सुबह होते ही पूरा शहर साफ हो गया, हालांकि दीपावली पर मोहल्लों-कालोनियों में कई रहवासियों ने भी झाडू लगाकर कचरा एकत्र किया। इससे सफाईकर्मियों को मदद भी मिली और गलियां जल्दी साफ हो गई।