सीहोर । सीहोर जिले के इछावर में दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मेला आयोजित किया जाता है. दिपावली के दूसरे दिन लगने वाला पशुपतिनाथ मंदिर मेला सूर्य ग्रहण के चलते 26 अक्टूबर को लगेगा. इस मेले में पशुपालक अपने पशुओं के स्वस्थ रहने की कामना को लेकर भगवान पशुपतिनाथ को दूध अर्पण करते हैं.

एक दिवसीय मेले में देखते ही देखते लाखों क्विंटल दूध अर्पण किया जाता है. ऐसा लगता है मानो दूध की नहर ही बह निकलती हो. लाखों की संख्या में किसान पशुपालक और ग्रामीण इस मेले में आते हैं.

इस बार यह मेला दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर आयोजित किया जाएगा. कोरोना महामारी की वजह से बीते दो सालों से बाराखंबा में आयोजित होने वाला मेला प्रभावित हो रहा था लेकिन अब महामारी खत्म हो गई है. इस वजह से इस बार मेले में जमकर भीड़ उमड़ने का अनुमान है. आयोजन को लेकर अब तक प्रशासन द्वारा दो बार व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा चुका है.

सीहोर जिले के इछावर में प्रतिवर्ष दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर ग्राम देवपुरा में बाराखंबा का मेला आयोजित किया जाता है. इस बार भी 26 अक्टूबर को एक दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा. मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासनिक अफसर और मंदिर समिति सदस्यों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, एसपी मयंक अवस्थी, इछावर एसडीएम विष्णु प्रसाद यादव, इछावर तहसीलदार, थाना प्रभारी उषा मरावी उपस्थित थे.

इसके अलावा नगर पंचायत सीएमओ अशोक शुक्ला, जनपद पंचायत सीईओ राजधर पटेल, वनमंडल अधिकारी राजकुमार शिवहरे, पीडब्ल्यू अधिकारी आरके गुप्ता, पशुपतिनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष कैलाश पटेल सेंधव, सचिव रामसिंह विश्वकर्मा, सरपंच प्रतिनिधि बलवंत पटेल, सचिव सहित ग्रामीण उपस्थित रहे. अधिकारियों और समिति सदस्यों ने मेले की व्यवस्थाओं को लेकर विचार विमर्श किया.

पशुपालक नहीं करते दूध का इस्तेमाल
पशुपालक किसान अपने दुधारू पशुओं की अच्छी सेहत के लिए इस दिन अपने घर में दूध का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इस दिन का सारा दूध भगवान पशुपतिनाथ को अर्पण कर दिया जाता है. मान्यता है कि भगवान पशुपतिनाथ की शिला पर दूध अर्पण कर देने से साल भर पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहता है.

यही वजह है कि इस दिन यहां लाखों की तादाद में पशुपालक किसान आते हैं. लाखों क्विंटल दूध के चढावे से यहां मंदिर के पीछे दूध की दो धाराएं बह निकलती है. यहां से दूध एक नहर के रूप में निकलता है.