भोपाल। सरकारी योजनाओं में हितग्राहियों को राशि हस्तांतरित करने में ई-रुपी योजना लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना है। आयुष्मान भारत योजना में हितग्राहियों के उपचार में खर्च होने वाले राशि अब संबंधित अस्पताल के पास ई-रुपी के माध्यम से ही पहुंचेगी। यह राशि मरीज की सहमति से ही अस्पताल को मिलेगी। इसकी शुरुआत जांच और इलाज के बाद 15 दिन तक लगने वाली दवाओं के खर्च से हो रही है।
इस सुविधा के साथ कैंसर के उपचार में भर्ती होने के पहले होने वाली जांचों का खर्च भी अब आयुष्मान योजना से हो जाएगा। अभी यह खर्च मरीज को उठाना पड़ता था, क्योंकि योजना में भर्ती होने के बाद ही इलाज की सुविधा है। जांच और और दवाओं में ई-रुपी सुविधा शुरू होने के बाद अब मरीज के पास विकल्प रहेगा कि वह ई-रुपी के माध्यम से मिले वाउचर से दूसरे अस्पताल में (भर्ती वाले अस्पताल के अलावा) जांच करा सकेगा। आयुष्मान भारत योजना का संचालन करने वाली नेशनल हेल्थ अथारिटी (एनएचए) के कार्यपालक निदेशक डा. शंकर प्रिंजा ने मंगलवार को राजधानी में चिरायु अस्पताल से इस सुविधा का शुभारंभ किया। अभी प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर 10 अस्पतालों में यह सुविधा शुरू की जा रही है। बाद में इस योजना का अन्य अस्पतालों में भी विस्तार किया जाएगा।