इंदौर.   इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने श्रम कार्यालय में पदस्थ लेबर इंस्पेक्टर मनोज सिंह तोमर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. तोमर बाल श्रमिक का एक मामला रफा दफा करने के एवज में ये पैसे वसूल रहे थे. तोमर ने 25 हजार की रिश्वत मांगी थी. उसकी पहली किश्त लेते हुए ही पकड़ लिए गए.

लोकायुक्त ने ये कार्रवाई शिवानी शर्मा नाम की एक महिला की शिकायत पर की. लोकायुक्त के डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि इंदौर लोकायुक्त की टीम ने ट्रेप की कार्रवाई की. मामला इस प्रकार था कि संजय नगर आस्था टॉकीज के पास रहने वाली शिवानी शर्मा की तिरूपति हर्बस नाम से टेलि मार्केटिंग कंपनी कुंजीर एवेन्यू अंजनी नगर इन्दौर में थी. ये अब बंद हो चुकी है. इसका निरीक्षण श्रम निरीक्षक मनोज सिंह तोमर ने किया था. इसमें श्रम संबधी बहुत सारी कमियां पाई गयी थीं.

बाल श्रमिक का मामला
निरीक्षण के दौरान फर्म में 18 साल से कम उम्र से लेबर काम करते मिले. साथ ही उन्हें तय वेतन से कम पैसे दिए जा रहे है थे. न तो उन्हें बोनस दिया जा रहा था और न ही कोई बैंक अकाउंट था. लेबर इंस्पेक्टर मनोज सिंह ने ईएसआईसी बीमा ना होने की कमी बताकर प्रकरण बनाया था. शिवानी से कहा गया था कि आपको इसमें डेढ लाख रुपए की पेनाल्टी देनी पड़ेगी. उसके बाद लेबर इंस्पेक्टर ने शिवानी शर्मा को ऑफिस बुलाकर मामला रफा दफा करने के एवज़ में 25 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी थी.

लोकायुक्त पुलिस ने ऐसे पकड़ा
शिवानी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी इंदौर कार्यालय में कर दी. इस शिकायत के सत्यापन के बाद लेबर इंस्पेक्टर ने पहली किश्त के रूप में 10 हज़ार रुपये की मांग की. लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाया और तय प्लान के मुताबिक शिवानी को रिश्वत के 10000 रुपए लेकर लेबर इंस्पेक्टर मनोज सिंह तोमर के पास भेजा. शिवानी से जैसे ही मनोज तोमर ने रिश्वत के पैसे लिए घात लगाए बैठी लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों ट्रैप कर लिया. भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत इन पर कार्रवाई की जाएगी.