भोपाल।  बुंदेलखंड की दो दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों में से महज सात विधानसभा क्षेत्रों में सिमट चुकी कांग्रेस को अब इस अंचल में मजबूत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ही बीड़ा उठाया है। कमलनाथ यहां पर पार्टी की जमीनी हकीकत से रूबरु होने के लिए 20 अक्टूबर को उमा भारती के क्षेत्र माने जाने वाले बड़ा मल्हरा में पहुंच रहे हैं। यहां पर वे छतरपुर जिले के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

इसलिए महत्वपूर्ण है दौरा
मिशन 2023 के लिए कांग्रेस को बुंदलेखंड पर खासा फोकस करते हुए मेहनत करना पड़ेगी। यहां पर कांग्रेस के पास कोई भी बड़ा नेता नहीं हैं। पिछले महीने इस क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस छोड़ दी थी। वहीं इससे पहले गोविंद राजपूत भी पार्टी छोड़कर चले गए थे। बृजेंद्र सिंह राठौर का भी निधन हो चुका है।  हालांकि यहां से प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी आते हैं, लेकिन वे स्वयं अपना चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं। ऐसे में अब कमलनाथ ने ही यहां पर खुद फोकस करने का तय किया है। इसके चलते उनका इस क्षेत्र का यह पहला दौरा है।

कांग्रेस के पास यह हैं सीटें
बुंदेलखड़ में प्रदेश के 6 जिले आते हैं। इनमें विधानसभा की 27 सीटें आती है। जिनमें से कांग्रेस के पास सागर जिले की देवरी, बंडा। छतरपुर जिले की राजनगर, महाराजपुर और छतरपुर। दमोह और पन्ना जिले की गिन्नौर विधानसभा पर ही उसके विधायक हैं। जबकि टीकमगढ़, निवाडी में उसका एक भी विधायक नहीं हैं। बुंदेलखंड में सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, निवाड़ी और पन्ना जिले आते हैं।