भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद राहुल गांधी नए अवतार में नजर आएंगे. सिंह ने कहा कि पार्टी (कांग्रेस) में फिलहाल विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता और नेतृत्व का अभाव है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कांग्रेस को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और इससे नया नेतृत्व उभरकर सामने आएगा. समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने ये बातें कहीं.
इस समय कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर्नाटक में है. शुक्रवार को इस यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह ने जमकर डांस किया. इसका वीडियो उन्होंने खुद अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था. उन्होंने लिखा था, ’75 साल का इंसान मौज मस्ती क्यों नहीं कर सकता! कल आपने जिस तरह से सिद्धारमैया को राहुल जी के साथ दौड़ते देखा. दरअसल, आपकी उम्र उतनी ही होती है जितना आप महसूस करते हैं. अगर हम यंग महसूस करते हैं तो मस्ती क्यों नहीं कर सकते?’
‘राहुल का मतलब भारत और भारत का मतलब राहुल’
राहुल के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की खूब तारीफ हो रही है. इसके साथ-साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (राहुल) की प्रशंसा की जा रही है. इस बीच, कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने राहुल की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं.
उन्होंने कांग्रेस नेता की तारीफ करते हुए कहा, ‘राहुल का मतलब भारत और भारत का मतलब राहुल है. राहुल देश और संविधान को बचाने के व्यापक मिशन पर निकले हैं.’ शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले खाबरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में यह टिप्पणी की.
‘राहुल गांधी के ईर्द-गिर्द सकारात्मक ऊर्जा एकत्र हो रही’
उधर, इस यात्रा में शामिल ‘स्वराज इंडिया’ के नेता योगेंद्र यादव ने एक सवाल ‘क्या इस यात्रा से राहुल गांधी की छवि बदलेगी?’ के जवाब में कहा, ‘नेता वही होता है जो अपने ईर्द-गिर्द ऊर्जा एकत्र कर सकता है. पिछले 30 दिनों में राहुल गांधी के ईर्द-गिर्द सार्थक और सकारात्मक ऊर्जा एकत्र हो रही है. वो तस्वीर (बारिश में भीगते हुए भाषण देने की) क्यों वायरल हो गई क्योंकि उसमें ऊर्जा थी…व्यक्ति के रूप में राहुल गांधी अच्छे हैं, यह हर कोई जानता हैं. अगर वह अपने साथ ऊर्जा लेकर चलते हैं तो यह उनके लिए, कांग्रेस और देश के लिए अच्छा है.
राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हुई थी. यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा. इस यात्रा में कुल 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.