उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल मंदिर में दर्शन करने वाले देश के 5वें पीएम होंगे। इसके पहले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि मोदी यहां मंदिर में नियमों के चलते जल नहीं चढ़ा सकेंगे। वे गर्भगृह में रहकर सिर्फ सूखी पूजा कर सकेंगे। गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में नवनिर्मित ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आएंगे। प्रशासन के पास आए प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, पीएम शाम 5.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार प्रधानमंत्री के महाकाल मंदिर पहुंचने का समय संध्या का है। प्रधानमंत्री शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे।
जलाभिषेक का नियम
नियम अनुसार गर्भगृह में शाम 5 बजे से भगवान महाकाल को जल चढ़ाना बंद हो जाता है, क्योंकि इसके बाद यहां परंपरागत पूजन, श्रृंगार और आरती होती है। ऐसे में पीएम गर्भगृह में रहकर भी भगवान को जल अर्पित नहीं कर सकेंगे। पीएम मोदी शाम 5.30 बजे शहर में आएंगे और इसके बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेंगे। शाम 5.30 बजे तक शासकीय पुजारी संध्या पूजन करते हैं। इसके बाद भांग और सूखे मेवों से भगवान का श्रृंगार होता है। शाम 6.30 बजे से संध्या आरती की तैयारी शुरू हो जाती है।
आज से 6 दिवसीय कार्यक्रम का आगाज
महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए उज्जैन में आज से ही 6 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है। यहां पर हर आज से शाम संगीत, भक्ति, और संस्कृति के रंग सजेंगे। इनमें सोनू निगम से लेकर कैलाश खेर तक की प्रस्तुति होगी। इसके साथ ही लेजर शो और महानाट्य भी होगा।