ग्वालियर। ग्वालियर में पुलिस ने एक बार फिर से अपनी तीसरी आंख सीसीटीवी कैमरों को शुरू कर दुरूस्त करवा लिया है। इसके माध्यम से अपराधियों पर निगाह रखने के लिए शुरू किये गये हैं। लेकिन पुलिस को इसके बाद भी पुलिस को महानगर के बिगडते यातयात की कुछ भी चिंता नहीं है। और ना ही इन कैमरों से यातायात को ठीक कराने का प्रयास किया जायेगा। पुलिस की क्विक रिस्पांस टीमें भी यातायात को नियंत्रित करने में कोई रूचि नहीं दिखाती वहीं यातायात पुलिस चालानी कार्रवाई तो करती है लेकिन वह चौपहिया और दुपहिया वाहन चला रहे ऐसे चालकों का कोई भी चालान नही करती जो वाहन चलाते समय लगातार मोबाइल पर बात करते हैं और उनका ध्यान वाहन चलाने में कम मोबाइल की बातों पर अधिक रहता है।
पुलिस का प्रयास वैसे तो ठीक है लेकिन इससे क्या दुपहिया और चौपहिया वाहन चोरों पर अंकुश लगेगा इस पर संदेह अधिक है। वहीं पुलिस अपराधियों पर क्या वास्तव में अंकुश लगा सकेगी इस पर भी संदेह रहेगा क्योंकि आज तक कोई भी वाहन चोर को सीसीटीवी के माध्यम से पकडा नहीं जा सका है। पुलिस अपने कैमरों को देखकर केवल वाहन चोर की पहचान तो करते हैं लेकिन उन्हें आज तक पकडा नहीं जा सका है।
वहीं पुलिस तीन सवारी से लेकर बिना हेलमेट के नाम पर तो चालान कर रही है, इसी के साथ स्मार्ट सिटी से भी घरों पर चालान जा रहे हैं लेकिन इन चालानों में ऐसा कोई चालान नहीं है जो वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हुये किसी चालक का चालान नहीं है। जबकि आजकल वाहन दुर्घटनाओं का सबसे बडा कारण मोबाइल पर बात करते हुये वाहन चलाना हो गया है।
अब देखना है पुलिस का प्रयास कितना सफल होगा इसका परिणाम सामने आने पर ही पता चलेंगे लेकिन यातायात में यदि सुधार होगा तो यह महानगर के लिए उल्लेखनीय प्रयास होंगे और खासकर मोबाइल चलाते हुये वाहन चालकों के चालान यदि होंगे तो यह बेहतरीन सफलता होगी ।