कानपुर। उत्‍तरप्रदेश के कानपुर शहर डबलपुलिया क्षेत्र के शिवपुरी मौहल्ले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पति की मौत के बाद पत्नी करीब 17 महीने तक घर पर ही शव को रखे रही और अपनी मांग में सिंदूर लगाती रही। पति की मौत कोरोना के चलते हो गई थी। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसका डेथ सर्टिफिकेट भी जारी किया था।

घटना की जानकारी लगते ही पुलिस अफसर जांच करने पहुंचे तो कोऑपरेटिव बैंक की मैनेजर और विमलेश की पत्नी मिताली दीक्षित का दर्द दस्तावेजों पर दर्ज किया गया। मिताली ने सात साल पहले विमलेश से प्रेम विवाह किया था। दो बच्चे हुए और खुशहाल जिंदगी चल रही थी। अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने मिताली की जिंदगी पर ऐसा तूफान बरपाया कि उसकी दूसरी मिसाल नहीं है। जिसने जिंदगी भर ख्याल रखने का वादा कर सात फेरे लिए थे, उसी की लाश की देखरेख करनी पड़ी।
पूछताछ में मिताली ने बताया कि ‘मुझे पता था कि उनकी सांसें साथ छोड़ गईं। मैं सुहागन नहीं रही लेकिन क्या करती…उनकी मां के लिए वो जिंदा थे। पापा को उनके सीने में धड़कन महसूस हो रही थी। उनके इस भरोसे ने मुझे मजबूर कर दिया।

जानकारी के अनुसार 22 अप्रैल 2021 को कोरोना के चलते विमलेश की मृत्यु हो गई थी। डॉक्टरों ने मृत घोषित करते हुए डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया था। इसके बाद परिवार के लोग विमलेश को दूसरे अस्पताल ले गए। वहां भी जब डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया तो परिवार वाले इन्हें घर ले आए और रोजाना शव को गंगाजल डालते रहे। परिवार इस दौरान दावा करता रहा कि विमलेश जिंदा है। सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल मांस हड्डियों में ही सूख गया है। पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है उन्हें पति के बीमार होने की जानकारी देकर शव को पोस्टमार्टम हाउस लाया गया है। सीमएओ डॉक्टर आलोक रंजन समेत अन्य अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।