सीहोर। मैं पूरे प्रदेश के बच्चों को कहना चाहता हूं कि रोजगार के अलग-अलग प्रकार है। एक सरकारी नौकरी के माध्यम से रोजगार, प्रदेश भर के बच्चे मुझे सुन रहे होंगे, पीएससी की भर्ती भी चालू हो रही है। पढ़ने के बाद सबसे बढ़ी समस्या है रोजगार है। रोजगार के बिना जिंदगी नहीं चलती। भूखे पेट भजन न होए गोपाला, धर लो अपनी कंठी अपनी माला। पढ़ने के बाद रोजगार चाहिए। रोजगार के बिना जिंदगी नहीं चलती। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुदनी में गुरुवार को आयोजित औद्योगिक विकास महासम्मेलन में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एवरेज दो लाख से ज्यादा रोजगार दे रहे हैं। आठ माह में 25 लाख से ज्यादा लोगों को मप्र की धरती पर रोजगार दे चुके हैं। शिवराज सिंह ने कहा, मेरे युवा बेटे-बेटियों, आपका जीवन सुखद,सरल हो और आप नौकरी मांगने वाले नहीं, देने वाले बनें, इसके लिए मैं दिन-रात कार्य कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि आज बुधनी में आयोजित राज्यस्तरीय रोजगार दिवस कार्यक्रम से इस ध्येय की प्राप्ति और सुगम होगी। मैं सर्वदा आपके हित के लिए कटिबद्ध हूं। एक व्यवधान था उच्च न्यायालय के फैसले के कारण, जिसका रास्ता हमने निकाल लिया है।
पीएससी के अलावा शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग व अन्य विभागों में एक लाख सरकारी नौकरियों में हम भर्ती कर रहे हैं। जो शासकीय सेवा में जाना चाहते है, वह उसकी तैयारी करे। निराश होने की जरूरत नहीं है। मामा काए के लिए है। नौकरी के अलावा स्वरोजगार के अवसर खड़े करना है।
इस मौके पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के 26 औद्योगिक संरचनाओं का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों के स्टालों को अवलोकन किया व उनसे निवेश के संबंध में चर्चा की। वहीं 18 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले बुदनी खिलौना क्लस्टर का भूमिपूजन मंत्रीगण व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया।
मालूम हो कि बुदनी में परम्परागत काष्ठ शिल्पियों द्वारा लकड़ी के खिलौने बनाए जाते हैं। खिलौने दूधी लकड़ी से बनाए जाते हैं। यह लकड़ी बुदनी क्षेत्र में बहुतायत में पाई जाती है। इस कास्ट कला को संरक्षित करने और इस क्षेत्र को विशिष्ट पहचान देने के उद्देश्य से सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग द्वारा 15 एकड़ शासकीय भूमि पर ग्राम बांसापुर में भोपल होशंगाबाद हाइवे पर खिलौना क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। मप्र लघु उद्योग निगम द्वारा अधोसंरचना विकास का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
खिलौना क्लस्टर विकसित होने से खिलौना उद्योगों को गति मिलेगी। प्रस्तावित टाय क्लस्टर में खिलौना इकाइयां स्थापित होने से लगभग 13 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा, लगभग 1100 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इस टाय क्लस्टर में लकड़ी के अलावा लेदर टायज, साफ्ट टायज, प्लास्टिक टायज का निर्माण करने वाली इकाइयां निवेशकों द्वारा स्थापित की जाएगी। इस टाय क्लस्टर के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा 20 करोड़ 58 लाख रुपये स्वीकृत किए गए है।