नयी दिल्ली ! केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला मामले से जुड़ी याचिका की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय को आज बताया कि कम्प्यूटर की हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। न्यायालय ने व्यापमं घोटाले से उन मामलों की निगरानी से भी मना कर दिया, जिनमे आरोप पत्र दायर किये जा चुके हैं। व्यापमं मामले में हार्डडिस्क और पेन ड्राइव से छेड़छाड़ से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हैदराबाद स्थित फोरेंसिक लैब की सीलबंद सीएफएसएल रिपोर्ट अदालत कक्ष में खोली गयी। सीएफएसएल रिपोर्ट में कहा गया है कि हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। इस रिपोर्ट के बाद न्यायालय ने व्यापमं मामले में श्री दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है। श्री सिंह सहित व्यापमं से जुड़ी याचिकाओं में कहा गया था कि हार्डडिस्क और पेन ड्राइव की एक्सल शीट में छेड़छाड़ कर कुछ नाम हटाए गये हैं। इन्हीं आरोपों के बाद न्यायालय ने सीबीआई को जांच के आदेश दिये थे। न्यायालय ने सीबीआई को जल्द ही प्रयोगशाला से रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने पिछले दिनों ही सीलबंद सीएफएलएल रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। शीर्ष अदालत ने व्यापमं मामले की सुनवाई की निगरानी करने से भी इन्कार कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि जिन मामलों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं, उन मामलों में निगरानी की जरूरत नहीं है। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि अभी 37 ऐसे मामलों की निगरानी जारी रहेगी, जिनमें आरोप पत्र दाखिल नहीं हुए हैं। उच्चतम न्यायालय ने नौ जुलाई 2015 को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए और उसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी।

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