शनिवार। बारिश अपने अंतिम चरण में है। मध्यप्रदेश में फिर नया सिस्टम बना है, जिसके चलते आने वाले 4-5 दिनों में बारिश का क्रम जारी रहेगा। इस बार पूरे प्रदेश में लगभग 32 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि राजधानी भोपाल में 50 साल का रिकार्ड टूट गया। यहां सर्वाधिक 72 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि दूसरे नंबर पर नर्मदापुरम् है, जहां बारिश का आंकड़ा 63 इंच तक पहुंच चुका है।
प्रदेश के जिन 12 जिलों में 50 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, उनमें भोपाल के अलावा राजगढ़ 62, छिंदवाड़ा 58, आगर-मालवा 51, बैतूल 59, गुना 54, विदिशा 56, देवास 50, सीहोर 56, सिवनी 51, हरदा 52, नर्मदापुरम् में 63 इंच बारिश हुई है। मध्यप्रदेश में पहली बार मानसून के दो माह में ही प्रदेश के लगभग 75 फीसदी नदी-नाले उफान पर थे। वहीं जलाशयों में शत प्रतिशत पानी आ गया था, जिसके चलते बांधों के गेट खोलना पड़े। अब भी प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां, जिनमें नर्मदा, शिप्रा भी शामिल हैं, के मंदिर और घाट डूबे हुए हैं।
15 जिलों में 30 इंच से कम पानी
मध्यप्रदेश के जिन 15 जिलों में 30 इंच से कम बारिश हुई, उनमें बड़वानी 27 इंच, खरगोन 28 इंच, निवाड़ी 29, भिंड 21, मुरैना 22, धार 26, सिंगरौली 26, सतना 28, ग्वालियर 21, झाबुआ 25, टीकमगढ़ 26, आलीराजपुर 22, रीवा 24, सीधी 26 और दतिया में 18 इंच बारिश दर्ज की गई है।
उत्तरप्रदेश में 24 घंटे में 25 मरे, नासिक में भारी बारिश
पूरे मानसून में बारिश को तरसे उत्तरप्रदेश में जाते-जाते मानसून मेहरबान हुआ। यहां पिछले 3-4 दिनों से जबरदस्त बारिश (Rain) हो रही है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश (Rain) से 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि महाराष्ट्र के नासिक में भारी बारिश (Rain) के चलते नदी-नाले उफान पर हैं।