जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ के ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत तनौद में चार बहूओं ने बेटों का फर्ज निभाते हुए ससुर का अंतिम संस्कार किया और बहू होने का फर्ज निभाया। मृतक के पांच बेटों के बीच अंतिम संस्कार को लेकर विवाद शुरु हो गया था। पुलिस और तहसीलदार की समझाईश के बाद भी जब भाइयों में सहमति नहीं बनी तो बहुओं ने अंतिम संस्कार किया।
ग्राम पंचायत तनौद के वरिष्ठ नागरिक बिहारी लाल पिता शिवप्रसाद का 90 वर्ष की आयु में बुधवार 14 सितम्बर को सुबह लगभग 11 बजे निधन हो गया। इसके बाद उसके घर में उसके अंतिम संस्कार को लेकर विवाद शुरु हो गया। स्व बिहारी लाल साहू के पांच पुत्र ओंकार साहू, बेदराम साहू, बुधराम साहू, लच्छी प्रसाद साहू और लहुरमन साहू हैं। जिसमें उसके दूसरे नंबर का पुत्र बेदराम साहू अपने बड़े पुत्र सहित ईसाई धर्म अपना लिया है और साहू समाज से खुद अलग रहता है। पिता के निधन के बाद उसने अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के अनुसार करने को लेकर विवाद शुरु कर दिया।
जबकि बिहारी लाल की अंतिम इच्छा थी की उसका अंतिम संस्कार उसके चारों बेटे जिनके साथ वह रहता था वे हिंदू रीति रीवाज के अनुसार करे। चारों भाइयों के बीच बिहारी लाल के अर्थी को कंधा देने के लिए विवाद होते रहा। इसकी सूचना मिलने पर शिवरीनारायण थाना प्रभारी रविन्द्र अनन्त दल बल सहित मौके पर पहुंच कर दोनों पथ को समझौता करने का प्रयास किया, मगर फिर भी दोनों पक्ष कांधा देने के नाम पर लड़ते रहे। इस बीच पामगढ़ तहसीलदार अश्रि्वनी कुमार चन्द्रा भी गांव पहुंचे और समझाया मगर फिर भी अर्थी उठाने के नाम पर लड़ते रहे।
दूसरे दिन गुरुवार को सुबह 10 बजे फिर विवाद शुरु हो गया। ऐसे में बिहारी लाल साहू के चारों बहुओं लक्ष्मीबाई, बिरमा बाई, गिरजा बाई, रामप्यारी व पुत्र वधू पुर्णिमा, सेवती, संतोषी तुलसी ने अपने ससुर बिहारी लाल साहू पिता शिवप्रसाद के अर्थी को कंधा देकर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। उन्होंने अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम तक ले गए और वहां अपने हाथों से चिता सजाकर हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया। बहुओं ने ग्राम व क्षेत्र मे नई मिसाल कायम की।
चारों बहुओं ने अपने ससुर की चिंता को अग्नि देकर देकर पुत्र और बहु दोनों का फर्ज निभाया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत तनौद के सरपंच, पंच पटवारी, समाजसेवी, तहसीलदार अश्रि्वनी कुमार चन्द्रा, शिवरीनारायण थाना प्रभारी रविन्द्र अनन्त दल बल बिहारी लाल साहू के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।