भोपाल ।  विधानसभा के पावस सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से पोषण आहार के मामले में जवाब देने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा कि पोषणा आहार के मामले में भ्रम फैलाए जा रहे हैं।

सदन के माध्यम से वे जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं। इसलिए अध्यक्ष इसकी अनुमति दें। इस पर स्पीकर गौतम ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद सीएम चौहान पोषण आहार के मामले में जवाब देंगे। इस पर कांग्रेस विधायक विरोध पर उतर आए और कहने लगे कि सीएम के वक्तव्य के पहले पोषण आहार मामले पर विपक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया और प्रश्नकाल पूरी तरह से नहीं चल सका।

प्रश्नकाल का समय खत्म होने तक चले हंगामे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सदन में आ गए और पोषण आहार मामले पर फिर चर्चा की मांग की जाने लगी। इस दौरान नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम पहले अपना वक्तव्य दे दें। इसके बाद विपक्ष अपनी बात रखे ले और जो सप्लीमेंट्री सवाल करना चाहते हैं वे कर सकते हैं लेकिन कांग्रेस विधायक इसके लिए सहमत नहीं थे।

स्पीकर बोले-नहीं होने देंगे नियमों का उल्लंघन
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने हंगामे के दौरान सदन के आचरण नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नियमावली में प्रावधान है कि तख्तियां लेकर सदन के भीतर नहीं आ सकते। इसका पालन करना होगा। इसकी छूट किसी को नहीं दी जाएगी। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सदन के भीतर किसी नेता को एससी या आदिवासी नहीं कहा जाएगा और इस मामले में शुक्रवार को जांच रिपोर्ट भी वे दे सकते हैं। उधर विधायक चावला इस बात पर अड़े रहे कि उस अफसर पर कार्यवाही हो जिसने उनका हाथ मरोड़ा है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनका हाथ नहीं मरोड़ा गया है बल्कि तख्ती लाने से रोकने का काम किया गया है।

सीएम वक्तव्य देते रहे, कांग्रेस विधायक नारे लगाते रहे
काफी देर तक समझाईश के बाद जब कांग्रेस विधायक पोषण आहार पर सीएम का वक्तव्य होने देने के लिए सहमत नहीं हुए तो अध्यक्ष की अनुमति से मुख्यमंत्री चौहान ने अपना वक्तव्य शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष गोविन्द ने कहा कि हम सीएम का वक्तव्य चर्चा हुए बगैर नहीं सुनेंगे। इस दौरान कांग्रेस विधायक गर्भगृह के पास नारे लगाते हुए एकत्र हो गए। वे मुख्यमंत्री के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे और सीएम अपना वक्तव्य पढ़ते रहे। शोर शराबे के बीच सीएम चौहान का वक्तव्य वहां दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा था।

नरोत्तम बोले-कांग्रेस के पाप हम ढो रहे हैं
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस विधायकों की ओर मुखातिब होकर कहा कि वे कांग्रेस के पाप ढो रहे हैं। इस दौरान हंगामे के चलते सीएम शिवराज का पोषण आहार मामले में वक्तव्य समाचार लिखे जाने तक बमुश्किल शुरू हो पाया था। कांग्रेस विधायक पहले चर्चा पर अडेÞ थे।

कांग्रेस विधायकों ने मंत्री नरोत्तम को दिखाया फटा पजामा
विधायक मनोज चावला ने कहा कि अफसर ने उनका हाथ मरोड़ा है वहीं इस धक्का मुक्की में पाचीलाल ने अपना पाजामा फटने की बात कही और सदन में संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के पास पहुंचकर फटा पाजामा दिखाने लगे। उन्होंने कहा कि इस अफसर पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

कांग्रेस का आरोप सुरक्षाकर्मियों ने हाथ मोड़ा, झड़प में फट गया पजामा
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन के भीतर पोषण आहार के घपले की जांच संबंधी तख्तियां लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायकों को रोकने को लेकर जमकर हंगामा हुआ और प्रश्नकाल का आधा घंटा से अधिक समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों के सदन में तख्तियां लेकर प्रवेश करने पर वहां तैनात अफसरों और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान विधायक मनोज चावला का हाथ मरोड़ने और पाचीलाल मेड़ा का पाजामा फटने से कांग्रेसी उग्र हो गए और गर्भगृह के पास पहुंचकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। बुधवार को प्रश्नकाल शुरू होने के बाद एक सवाल का जवाब पूरा हो पाया था कि कांग्रेस विधायक मनोज चावला, पाचीलाल मेड़ा व अन्य सदन के भीतर पोषण आहार जांच संबंधित तख्तियां लेकर सदन के भीतर घुसने लगे। इस पर उनसे तख्तियां ली गईं और इस दौरान विधायकों के साथ धक्का मुक्की की स्थिति भी बनी।

हंगामे के कारण बाधित हुई कार्यवाही
प्रश्नकाल में कांग्रेसी विधायक भी गर्भगृह में आ गए और सरकार की गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाते हुए वहीं बैठ गए। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा, अजय विश्नोई और अन्य के साथ कांग्रेस विधायकों की बहस होने लगी। उमाकांत इस दौरान पाचीलाल मेड़ा तक पहुंच गए और बाकी विधायक भी वहां आ गए और बहस के बीच विधायकों के मध्य धक्का मुक्की भी हुई। हंगामे के दौरान विधायक जेवियर मेड़ा, बाला बच्चन समेत अन्य भी जोर जोर से बोलते रहे। जब काफी देर तक हंगामा नहीं रुका तो विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 11.35 बजे पांच मिनट के लिए विधानसभा स्थगित कर दी। इसके बाद जब सदन समवेत हुआ तो फिर हंगामा होने लगा जिसके चलते प्रश्नकाल तक के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई।