भोपाल. मध्यप्रदेश में 105 वर्गमीटर (1127 वर्ग फीट) तक के आकार वाले छोटे प्लॉट्स पर अब न तो आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाने की झंझट होगी और न ही बिल्डिंग परमिशन लेना होगा. सिर्फ बिल्डिंग परमिशन की फीस और एक शपथ-पत्र देकर आप घर का निर्माण कर सकेंगे.

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 1127 वर्ग फीट तक प्लाट पर तुरंत बिल्डिंग परमिशन देने के लिए भूमि विकास नियम 2012 में संशोधन को अंतिम रूप दे दिया है. इस पर दावे-आपत्ति के बाद जरूरी संशोधन कर गजट नोटिफिकेशन की तैयारी है. सूत्र बताते हैं कि विधानसभा सत्र के बाद नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा.

इन्हें मिलेगी सुविधा
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के लेआउट और नगर निगम की स्वीकृति वाली कॉलोनियों के भूखंड मालिकों मकान बनाने की फीस ऑनलाइन जमा करना होगा. साथ ही, उन्हें एक शपत्र-पत्र देना होगा जिसमें नियम अनुसार मकान का निर्माण करने की बात लिखना होगा. इसके बाद फीस जमा करने की रसीद को ही बिल्डिंग परमिशन मान लिया जाएगा और आवेदक सीधे प्लॉट पर निर्माण कार्य कर सकेगा. नए नियम का लाभ केवल व्यक्तिगत भू-खंड मालिक को ही मिलेगा. ऐसे कॉलोनाइजर, जो भूखंड व भवन का विक्रय का आशय रखते हैं उन्हें उक्त स्वीकृति नहीं मिलेगी.

अभी लगते है एक माह
अभी दो तरह से बिल्डिंग परमिशन जारी होती है. पहले में 300 वर्गमीटर तक मान्यता प्राप्त आर्किटेक्ट या नगर निगम से परमिशन लेनी होती है. आर्किटेक्ट से परमिशन लेने पर फीस के अलावा आर्किटेक्ट की फीस भी चुकानी होत है. 300 वर्गमीटर से ऊपर के प्लॉट पर सिर्फ निगम ही परमिशन देता है. नगर निगम में ऑनलाइन आवेदन के बाद ड्राफ्टसमैन, बाबू, सब इंजीनियर से लेकर सिटी प्लानर तक फाइल जाती है, फिर इसी तरह फाइल वापस आती है. इसके बाद फीस की सूचना जारी होती है. सभी स्टेज से गुजरने में कम से कम 25 से 30 दिन लगते हैं.

105 वर्गमीटर ही क्यों?
सरकार का लक्ष्य छोटे प्लॉट मालिक हैं. यह इतने सक्षम नहीं होते कि इंजीनियर और आर्किटेक्ट्स के चक्कर काटें. दूसरा, छोटे प्लॉट पर बिल्डिंग परमिशन का उल्लंघन से ज्यादा नुकसान भी नहीं होता है. भूमि विकास नियम में परमिशन की फीस तय करने के लिए 32, 48, 75, 105, 288 वर्गमीटर आदि के स्लैब बनाए गए हैं. लिहाजा स्लैब को देखते हुए 32 से 105 वर्गमीटर तक की एरिया रखा गया.