भोपाल।  प्रधान आरक्षक से कार्यवाहक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) बने गैर राजपत्रित अफसर गृह जिले में नहीं रह सकेंगे। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से स्पष्ट निर्देश जारी होने के बाद भी गृह जिलों में भी कार्यवाहक एएसआई को पदस्थ किया जाने लगा है। इस तरह की जानकारी पुलिस मुख्यालय पहुंची है। अब फिर से  पुलिस मुख्यालय अपने पुराने आदेश को लागू करवाने की तैयारी कर रहा है।

एएसआई का कार्यवाहक का प्रभार देकर की गई व्यवस्था में एक बार फिर से पोस्टिंग को लेकर शिकायतें पुलिस मुख्यालय पहुंच रही है। दरअसल पुलिस मुख्यालय ने पिछले साल इस संबंध में साफ तौर पर यह निर्देश दिए थे कि इन्हें गृह जिले में पदस्थ नहीं किया जाएगा। इस आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी कार्यवाहक एएसआई की पोस्टिंग की जानकारी तलब कर ली थी। इस जानकारी के बाद यह माना जा रहा था कि अब यह व्यवस्था पटरी पर आ गई है, लेकिन करीब एक साल बाद फिर से सहायक उपनिरीक्षक स्तर के कार्यवाहक अफसर गृह जिलों में पदस्थ होने लगे हैं। ऐसे में उनकी शिकायतें भी पुलिस मुख्यालय तक लगातार पहुंच रही है।

गृह जिलों में नहीं हो सकते पदस्थ
दरअसल पुलिस महकमें में एएसआई और उसके ऊपर के अफसर गृह जिले में पदस्थ नहीं हो सकते हैं। इसके बाद भी कुछ पुलिस अफसर यह करवा लेते हैं। ऐसा ही एएसआई की गृह जिलों में पदस्थापना करने को लेकर हुआ है।

पिछले साल दिये थे निर्देश
पिछले साल एएसआई को कार्यवाहक प्रभार दिया गया था। उस दौरान पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस जोन के एडीजी- आईजी को पत्र लिखा था। पत्र में लिखा गया था कि कुछ दिनों पहले हवलदारों को एएसआई का कार्यवाहक प्रभार दिया गया है। इसके बाद भी  कई जिलों में एएसआई के पद रिक्त है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि कुछ जिलों में स्वीकृत पदों से ज्यादा एएसआई पदस्थ कर दिए गए। इस पत्र में यह भी लिखा गया था कि कई जिलों में हवलदारों को कार्यवाहक एएसआई बनाकर उन्हें गृह जिले में पदस्थ कर दिया गया है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस आदेश के बाद कार्यवाहक एएसआई को गृह जिलों से हटा दिया गया था।

उपनिरीक्षक और निरीक्षक भी हैं गृह जिले में
सूत्रों की मानी जाए तो कई उपनिरीक्षक और निरीक्षक भी गृह जिलों में पदस्थ हैं। हालांकि इनकी संख्या कम है। विधानसभा चुनाव के पहले इन सभी को इनके गृह जिले से बाहर किया जाएगा। इससे पहले भी पुलिस मुख्यालय ऐसे अफसरों को हटाने का काम कर सकता है। महकमे में ऐसा माना जा रहा है कि राजनीतिक पहुंच और अफसरों के चलते ऐसे निरीक्षक और उपनिरीक्षक गृह जिलों में पदस्थापना पा लेते हैं। वहीं कई अफसर ऐसे हैं जो एक ही जिले में तीन साल से ज्यादा लगातार एक ही पोस्ट पर जमे हुए हैं। हालांकि ऐसे अफसरों को चुनाव के समय ही बदला जाता है। ऐसे निरीक्षकों से लेकर एएसआई तक की पूरी जानकारी पुलिस मुख्यालय में समय-समय पर अपडेट होती रहती है। इस साल ही अभी इस जानकारी को अपडेट किया जा रहा है।