भोपाल। मध्य प्रदेश की पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा (EoW) सहित कई केंद्रीय जांच एजेंसियों ने भी चर्च ऑफ नाॅर्थ इंडिया (CNI) के माॅडरेटर बिशप पीके सिंह के खिलाफ जांच तेज कर दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बिशप पीके सिंह और रियाज भाटी के बीच एक डील भी हुई थी, जिसके तार मुंबई अंडरवर्ल्ड (Mumbai Underworld) से जुड़ रहे हैं. आपको बता दें कि रियाज भाटी कथित तौर पर अंडरवर्ल्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम का गुर्गा है. मध्य प्रदेश ईओडब्ल्यू ने 8 सितंबर को बिशप पीके सिंह के घर और कार्यालय की तलाशी ली थी, जिसमें विदेशी मुद्रा ($18000) सहित लगभग 2 करोड़ रुपये नकद मिले थे. इसके अगले ही दिन, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ईओडब्ल्यू को यह जांच करने का आदेश दिया था कि क्या इस धन का उपयोग धर्मांतरण या अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया गया.
छत्तीसगढ़ के एक सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश लॉरेंस, जिनकी शिकायत पर पीके सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की, उन्होंने आरोप लगाया है कि बिशप ने 2016 में सीएनआई की एक प्रमुख संपत्ति, ‘जिमखाना’ को रियाज भाटी को लीज पर दी. सीएनआई जिमखाना, एक ब्रिटिशकालीन इमारत है. लॉरेंस ने दावा किया है कि बिशप पीके सिंह ने सीएनआई की यह प्राॅपर्टी, रियाज भाटी को करीब 3 करोड़ रुपये में लीज पर दी है. लॉरेंस ने पीके सिंह के खिलाफ जांच की मांग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को शिकायत भेजी थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि मुंबई के वर्सोवा निवासी 54 वर्षीय रियाज भाटी, जिसे दाऊद इब्राहिम का संदिग्ध सहयोगी भी माना जाता है, उसको सीएनआई की संपत्ति पट्टे पर दिए जाने को लेकर आपत्ति थी.
कई मामलों में आरोपी रियाज भाटी है फरार, मुंबई पुलिस कर रही तलाश
रियाज भाटी को हाल ही में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने जबरन वसूली के एक मामले में आरोपी बनाया था. उस पर रंगदारी, जमीन हड़पने, धोखाधड़ी, जालसाजी और फायरिंग केआरोपों में कई मामले दर्ज हैं. उसे 2015 और 2020 में कथित तौर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके देश से भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है. सूत्रों की मानें तो इन मामलों में रियाज भाटी की अग्रिम जमानत की अर्जी अदालत ने इस साल सितंबर में खारिज कर दी थी, तब से वह फरार है. मुंबई पुलिस को उसकी तलाश है. पीके सिंह के खिलाफ एमपी ईओडब्ल्यू ने डायोकेसन स्कूलों से फीस के रूप में एकत्र किए गए 2.7 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के मामले में कार्रवाई शुरू की थी. तलाशी के समय बिशप के जर्मनी में होने की बात कही जा रही है. पीके सिंह पर डायोकेसन शिक्षा बोर्ड के नेतृत्व को बदलने के लिए कथित धोखाधड़ी और जालसाजी का भी आरोप है.
बिहार में जन्में बिशप पीसी सिंह इस समय सीएनआई के प्रमुख हैं. उनके अधीन देश भर के कुल 27 डायोसिस आते हैं, जबलपुर उनमें से एक है. पीसी सिंह के कुल पंद्रह स्कूल जबलपुर, कटनी, सिवनी, दमोह औऱ छिंदवाड़ा में चल रहे हैं. लड़कियों एवं लड़कों के दो हाॅस्टल भी जबलपुर में संचालित हैं. सीएनआई से जुड़े नितिन लाॅरेंस ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि पीसी सिंह चर्च और स्कूलों से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा देश विरोधी गतिविधियों में लगाते हैं. महिला बाल विकास के अधीन जबलपुर में चाइल्ड लाइन 1098 का संचालन इसी समूह द्वारा किया जाता है. इसके अलावा जीविका परियोजना, हौंसला प्रोजेक्ट, आशा किरण कम्युनिटी केंद्र, चाइल्ड फोकस्ड कम्युनिटी, शिशु गृह, बॉश परियोजना, गृहणी प्रशिक्षण केंद्र समेत अन्य एनजीओ बेस्ड प्रोजेक्ट भी जबलपुर डायसिस द्वारा चलाए जा रहे हैं.