भोपाल।  राज्य सरकार अब प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी को 25 हजार रुपए अतिरिक्त उपलब्ध कराएगी। इसके लिए लाड़ली लक्ष्मी बालिका प्रोत्साहन संशोधन विधेयक 2022 पर आज कैबिनेट में चर्चा की गई। इसे विधानसभा मेें पारित कराने के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। यह राशि कॉलेज में अध्ययन के दौरान दिए जाएंगे। इसके अलावा आदिवासी वर्ग को स्वरोजगार से जोड़ने दो नई योजनाएं शुरु की जाएंगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लाड़ली लक्ष्मी के लिए राशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। अभी तक मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना मे छटवी में प्रवेश पर दो हजार, नौवी में प्रवेश पर चार हजार और 11 वी में प्रवेश पर छह हजार तथा बारहवी में प्रवेश पर छह हजार रुपए दिए जाते है। इसके अलावा एक लाख रुपए का भुगतान 21 वर्ष की आयु पूर्ण होंने पर किये जाने का प्रावधान है। अब जो नया प्रस्ताव है उसके तहत स्नातक या व्यावसायिक पाठ्यक्रम के प्रथम और अंतिम वर्ष में प्रवेश पर बराबर 12 हजार 500 रुपए दो बार अर्थात कुल 25 हजार रुपए और दिए जाएंगे। इससे जुड़े विधेयक के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। अब इसे विधानसभा में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। वहां इसे पारित कराने के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

आदिवासियों के स्वरोजगार के लिए दो नई योजनाएं
आदिवासी वर्ग को स्वरोजगार उपलब्ध कराने दो योजनाओं पर कैबिनेट में चर्चा हुई। इनमें बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना के माध्यम से  विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक लाख से पचास लाख रुपए और सेवा से जुड़ी गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपए तक की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जाएगी।  टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के जरिए ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य जो आयकरदाता नहीं है और जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच है उन्हें स्वरोजगार के लिए दस हजार रुपए से एक लाख रुपए तक  का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें सात प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और  बैंक गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर पांच वर्ष के लिए दिया जाएगा।