भोपाल।  तत्कालीन कमलनाथ सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर प्रदेश की शिवराज सरकार ने कैंची चला दी है। दरअसल कमलनाथ जेल के मामले में छिंदवाड़ा को रोल मॉडल बनाना चाहते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए छिंदवाड़ा में जेल कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रोजेक्ट तैयार करवाया था। प्रदेश में पहली बार इस तरह की जेल के लिए प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। अब इस प्रोजेक्ट के बड़े हिस्से को बनाने की मंजूरी नहीं दी गई। सूत्रों की मानी जाए तो इस प्रोजेक्ट को अब छोटा कर सिर्फ जिला जेल ही यहां पर बनाने का तय हुआ है। नाथ सरकार में इस जेल कॉम्प्लेक्स पर करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किये जाने का प्रस्ताव था। इसमें केंद्रीय, जिला और खुली जेल का निर्माण एक ही परिसर में करवाया जाना था। अब यहां पर सिर्फ जिला जेल ही बनाई जाएगी। जिला प्रशासन पहले की तुलना में अब जेल निर्माण के लिए जमीन भी कम देगा।

ऐसा बनाया जाना था कॉम्प्लेक्स
नाथ की तत्कालीन सरकार में छिंदवाड़ा में दो हजार बंदियोंं की क्षमता के जेल बनाए जाने का प्रोजेक्ट तैयार हुआ था।  इसमें केंद्रीय जेल में एक हजार कैदियों को तथा जिला जेल में 710 तथा खुली जेल में बीस से अधिक बंदियों को रखने की व्यवस्था की गई थी। काम्प्लेक्स में अलग-अलग तरह के कैदियों के लिए अलग-अलग जेल बनाई जाना थी। इसे तैयार करने में सुप्रीम कोर्ट, मानव अधिकार आयोग के द्वारा तय की गई गाइड लाइन का सौ प्रतिशत पालन किया जाने का भी तय किया गया था। यहां पर खूंखार बंदियों के लिए अंडा जेल का भी निर्माण का प्रस्ताव था। इसके अलावा दिव्यांग, वृद्ध और थर्ड जेंडर के लिए अलग से जेल बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसमें दिव्यांगों बंदियों के लिए व्हील चेयर सहित अन्य उनके बिस्तर और शौचालय की व्यवस्था का प्रस्ताव था। वहीं वृद्धों की जेल में उनकी जरूरत और उनकी सुविधा के अनुसार प्रोजेक्ट तैयार किया जाने वाला था।