मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से घर, घरेलू सामान, फसल और पशुओं की बहुत हानि हुई है। हमारी पहली प्राथमिकता नुकसान की भरपाई करना है। राज्य सरकार संकट के समय प्रदेशवासियों के साथ है। जिलों के प्रभारी मंत्री राहत के लिए सर्वे की मॉनिटरिंग करें। राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त दल से क्षति का आकलन कराया जाए। इस प्रक्रिया में नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधियों को भी विश्वास में ले। कोई भी पात्र व्यक्ति छूटना नहीं चाहिए। सर्वे के बाद सार्वजनिक स्थानों पर सूची चस्पा की जाए और सूची में उल्लेखित नाम ग्रामवासियों को पढ़ कर सुनाये जाये, यदि कोई व्यक्ति आपत्ति करता है तो उसकी आपत्ति को सुना जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द राहत राशि का वितरण सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व बाढ़ से प्रदेश में हुए नुकसान, जारी राहत कार्यों और राहत राशि वितरण पर चर्चा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव उपस्थित थे। सभी संभागायुक्त तथा जिलों के कलेक्टर बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में आई भीषण बाढ़ में कोई जनहानि नहीं होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह टीम मध्यप्रदेश की तत्परता, कर्त्तव्य परायणता का ही परिणाम है कि हम बाढ़ में फँसे सभी लोगों की जान बचाने में सफल हो पाए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों, पंचायत और नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधियों ने बचाव और राहत का हरसंभव प्रयास किया। परिणामस्वरूप हम हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने में सफल रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने, दवा छिड़कने, पेयजल की आपूर्ति और इलाज की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जिन परिवारों के मकान पूरी तरह बह गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके आवास बनने तक अस्थाई आवास की व्यवस्था की जाए। राहत के लिए राशि की कमी नहीं आने दी जायेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने विदिशा जिले के 534 गाँवों के 14 हजार 419 लाभार्थियों को 11 करोड़ 3 लाख 15 हजार रूपए की राहत राशि सिंगल क्लिक से उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री चौहान ने विदिशा जिला प्रशासन द्वारा क्षति के सर्वे की त्वरित कार्यवाही कर प्रभावितों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने की प्रशंसा की। कलेक्टर ने जानकारी दी कि अभी तक के सर्वे में जिले में कुल 910 गाँवों के 22 हजार 443 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले में 663 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और 34 जेसीबी मशीनें साफ-सफाई के काम में लगी हैं।