भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आजें प्रदेश में वर्षा की वर्तमान स्थिति और चंबल बेसिन में बाढ़ और राहत कार्यो की समीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद वे उर्जा विभाग नवीन एवं नवकरणीय उर्जा विभाग समेत अन्य विभागों की समीक्षा भी करेंगे।

प्रदेश में बेतवा, चंबल और पार्वती नदियों में आई बाढ़ के कारण भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के 262 गांवों में बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप है। इन गांवों में अगले 24 घंटे तक जलापूर्ति सामान्य होने की उम्मीद भी नहीं है। ऐसे में बाढ़ से घिरे और बाढ़ कम होने के बाद भी लाखों नागरिकों को अंधेरे में रहने के साथ पीने के पानी के लिए बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्र में आने वाले इन गांवों की सप्लाई बाढ़ आपदा से राहत मिलने के बाद चालू हो पाएगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्र में आने वाले विदिशा जिले में 57, नर्मदापुरम में 18, अशोकनगर में 13 एवं श्योपुर में 49 गांवों में बाढ़ के कारण जलभराव होने से सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत आपूर्ति बंद है, जिसे स्थिति सामान्य होने पर शुरू किया जाएगा। इसी तरह कंपनी कार्यक्षेत्र के श्योपुर में कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने के कारण 49 गांवों एवं चंबल में बाढ़ के कारण मुरैना में 76 गांवों की विद्युत आपूर्ति बंद है। कंपनी कार्यक्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खराब ट्रांसफार्मर, पोल एवं लाइनों को चिन्हित कर दुरुस्त किया जा रहा है।

बाढ़ की परिस्थिति को देखते हुए ग्रामीणों की सुरक्षा के मद्देनजर विदिशा में 11 केव्ही के 6, नर्मदापुरम में एक एवं श्योपुर में 2 फीडर बंद किए गए हैं, जिन्हें बाढ़ की स्थिति ठीक होते ही चालू किया जाएगा। कम्पनी अफसरों के अनुसार सभी एरिया स्टोर में सभी जरूरी सामान, अतिरिक्त संसाधन एवं फण्ड उपलब्ध कराया है जिससे विद्युत आपूर्ति बहाल करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। कंपनी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकरियों द्वारा प्रभावित जिलों में विद्युत आपूर्ति की मानीटरिंग कर विद्युत आपूर्ति की निगरानी की जा रही है।