भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार देश में वामपंथी उग्रवाद समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। श्री शाह ने यहां मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित किया। इस बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे, जबकि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भोपाल (Bhopal) में खराब और बारिश की वजह से नहीं आ पाए और वे वर्चुअली शामिल हुए।
श्री शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद को मूल समेत समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि बैठक में नक्सलवाद से निपटने के साथ साथ महिलाओं की सुरक्षा से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग नेटवर्क के विस्तार और स्थानीय भाषा के उपयोग से साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर जागरुकता फैलाने जैसे विषयों पर भी सार्थक चर्चा हुयी। श्री शाह ने बैठक के बाद ट्वीट के जरिए बताया कि बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा हुयी, जिनमें से 15 मुद्दों का सर्वसम्मति से समाधान निकाला गया।वहीं आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर्राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि मध्य परिषद में शामिल मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य अपनी भौगोलिक स्थिति, जीडीपी में योगदान और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। पहले इन चारों राज्यों को ‘बीमारू’ राज्य माना जाता था, लेकिन अब ये सभी राज्य इससे बाहर निकलकर विकास के मार्ग पर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद राज्य देश में अनाज उत्पादन का प्रमुख केन्द्र हैं और परिषद में शामिल चारों राज्यों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के टीम इंडिया की अवधारणा को जमीन पर उतारा है। श्री शाह ने कहा कि श्री मोदी ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने का काम किया है। श्री मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 8 साल में पूरे देश में टीम इंडिया की अवधारणा को सामने रख इसे चरितार्थ किया है। उन्होंने श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्या में हुई बढोत्तरी के आंकडे देते हुए बताया कि 1957 से 2013 की तुलना में 2014 से अब तक क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हालांकि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की भूमिका सलाहकारी होती है, लेकिन गृह मंत्री के तौर पर तीन साल के अनुभव के आधार पर वे कह सकते हैं कि परिषद और इसकी स्थायी समिति की बैठकों को महत्व देकर हमने अनेक मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। मध्य क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक में 30 मुद्दों पर चर्चा हुई थी, जिसमें से 26 मुद्दों को हल कर लिया गया है, जबकि 17 जनवरी, 2022 को हुई स्थायी समिति की 14वीं बैठक में 54 में से 36 मुद्दों को पहले ही हल कर लिया गया। आज की बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 15 का समाधान निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि जब 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा चरम पर थी, तब वामपंथी उग्रवादी हिंसक घटनाओं की संख्या 2258 थी, जो 2021 में घटकर 509 पर आ गईं। उन्होंने कहा कि 2019 से वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में बहुत तेजी से कमी आई है। 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा में 1005 लोगों की मृत्यु हुई थी जबकि 2021 में 147 लोगों की जान गई। श्री शाह ने कहा कि इस दौरान पुलिस थानों पर वामपंथी उग्रवादी हिंसा में भी कमी आई है, 2009 में ऐसी 96 घटनाएं हुई थी जो कि 2021 में कम होकर 46 हो गईं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सौभाग्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक की मेजबानी का अवसर मध्यप्रदेश को मिला। मुख्यमंत्री ने परिषद की बैठक में झीलों की नगरी भोपाल पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ सालों में भारत का संघीय ढांचा मजबूत होकर उभरा है। हमें विचारधारा के मतभेद भूलकर भारत के विकास का रास्ता निकालना है।