ग्वालियर। उद्भव सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के गौरवशाली 25वें वर्ष के उपलक्ष में 27 अगस्त से चार दिवसीय प्रथम अंतरराष्ट्रीय ग्वालियर साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जहां जाने-माने फिल्म निर्देषक पियुष मिश्रा एवं अभिराम भाकमकर सहित देश-विदेश के सहित्यकारों का संगम होगा। इस दौरान अंचल के मूर्धन्य साहित्यकारों को भी सम्मानित किया जाएगा।
उत्सव की तैयारियों को लेकर पडाव स्थित आईकॉम मीडिया सेंटर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ. केशव पाण्डेय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में देश-विदेश से आने वाले साहित्यकारों के परिवहन, ठहरने, भोजन, सभागार, मंच संचालन एवं स्वागत-सम्मान व्यवस्था को लेकर दिवस बार रूपरेखा तैयार की गई। इनके सफल संचालन के लिए समितियों का गठन कर समिती प्रमुखों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं। अध्यक्ष डॉ. पाण्डेय ने बताया कि देश-विदेश से आने वाले साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमियों के लिए विशेष प्रकार का सेल्फी पॉइंट बनाया जाएगा। सेल्फी पॉइंट के जरिए ग्विलयर की कला, संस्कृति, संगीत और सभ्यता के दर्शन होंगे और यह जनआकर्षण का केंद्र होगा।
संस्था के सचिव दीपक तोमर ने बताया कि संस्था के नवगठित प्रकल्प उद्भव साहित्यिक मंच के तत्वावधान में सेंट्रल अकेडमी स्कूल एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सहयोग से यह आयोजन किया जा रहा है। आईआईटीटीएम के सभागार में 27 को प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल उत्सव का शुभारंभ करेंगे। उत्सव देश भर में अपनी छाप छोड़ सकें इसके लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही स्कूली विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के लिए अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। देश के नामचीन साहित्यकारों को मीडिया से रूबरू कराने के लिए डेस्क तैयार किया जाएगां। जहां मीडियाकर्मी आसानी से साहित्यकारों से चर्चा कर सकेंगे। अंचल के मूर्धन्य साहित्यकारों कस का भी सम्मान किया जाएगा।
सेन्ट्रल अकेडमी के संचालक विनय झालानी ने उत्सव में फिल्म, शिक्षा, तकनीकी, प्रशासन, प्रकाशन, कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए खास इंतजाम करने की बात कही। बैठक में सुरेंद्र पाल सिंह कुशवाह, जगदीश गुप्ता, उपेंद्र कस्तूरे, धीरज शर्मा, रामचरण चिढ़ार, नीलम गुप्ता, अरविंद जैमिनी, रमेश तोमर, राजेंद्र मुदगल, मनीष कुमार, अरविंद सिंह जादौन, मनोज अग्रवाल, शरद सारस्वत, अमर सिंह परिहार, अनंत पाल सिंह भदौरिया, किंकर पाल सिंह जादौन, सुभाष इंदु श्रीवास्तव एवं विजय पाण्डेय प्रमुख रूप से मौजूद थे।