ग्वालियर। ग्वालियर में जन्माष्टमी पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। शहर के प्रमुख मंदिरों में कई धार्मिक आयोजन होंगे। वहीं सिंधिया कालीन गोपाल मंदिर में विराजे राधाकृष्ण का 100 करोड़ के गहनों से श्रृंगार होगा। मंदिरों को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया संवारा जा रहा है।
फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पर जन्माष्टमी पर्व मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां राधा-कृष्ण का शृंगार बेशकीमती आभूषणों से किया जाएगा, जिनका मूल्य 100 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। ये आभूषण सिंधिया राजवंश द्वारा दिए गए हैं। इनमें हीरे और पन्ना जड़ित आभूषण भी शामिल हैं। नगर निगम ने सुरक्षा के लिए 6 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। मंदिर की बायरिंग, बिजली चलित ढोल-नगाड़ा और साउंड सिस्टम को भी बदला जा रहा है। नगर निगम बहुमूल्य आभूषणों को बैंक से लाने के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। समिति में महापौर डा. शोभा सिकरवार, सभापति मनोज तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल, आयुक्त किशोर कन्याल, अपर आयुक्त अतेंद्र सिंह गुर्जर, अपर आयुक्त राजस्व रजनी शुक्ला, उद्यान निरीक्षक मुकेश बंसल, राजस्व निरीक्षक दीपक सोनी, लिपिक दीपक माहौर और सतीश शर्मा को शामिल किया गया है। इस कमेटी की देखरेख मे 19 अगस्त को पुलिस सुरक्षा में आभूषण मंदिर पहुंचाए जाएंगे। बैंक में पहले आभूषणों की सूची बनेगी। इसके बाद उनका वजन किया जाएगा। तब मंदिर पर पुलिस सुरक्षा में आभूषण राधा-कृष्ण को पहनाए जाएंगे। एंटीक होने के कारण इनका बाजार मूल्य सौ करोड़ से अधिक आंका जाता है।
भगवान कृष्ण को तोड़े तथा सोने का मुकुट, राधा को ऐतिहासिक मुकुट, जिसमें पुखराज और माणिक जड़ित के साथ बीच में पन्ना लगा है। यह मुकुट लगभग तीन किलो वजन का है। राधाकृष्ण का सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार, सात लड़ी हार, जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने लगे हैं। राधा के मुकुट में 16 ग्राम पन्ना रत्न लगे हुए हैं। श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि हैं। भगवान के भोजन के लिए सोने, चांदी के प्राचीन बर्तन भी हैं। साथ ही भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि भी हैं।