इंदौर। कल बंगाली चौराहा ओवर ब्रिज के शुभारंभ के पहले ही मंच पर बैठने को लेकर बवाल हो गया। मुख्यमंत्री पहुंचते उसके पहले ही तनातनी मच गई तो बाद में महापौर और पार्षदों को पुलिसकर्मियों द्वारा मंच पर जाने से रोकने को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। कल मंच पर बैठने वालों की सूची में पार्षद राजेश उदावत, प्रणव मंडल और मुद्रा शास्त्री के ही नाम थे, जबकि विधानसभा 5 से कई भाजपा पार्षद हाल ही में चुने गए हैं। जब मंच पर इनके चढऩे की बारी आई तो पुलिसकर्मियों ने लिस्ट में नाम नहीं होने का हवाला देकर उन्हें मंच से उतार दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब प्रवक्ता उमेश शर्मा मंच पर बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा और अजयसिंह नरूका को भी मंच पर बुला लिया। प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते प्रदीप नायर को भी मंच पर बुलाया, लेकिन उन्हें रोक दिया गया तो वे उखड़ गए और कहा कि मुझे मालूम है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है। उन्होंने विधायक हार्डिया की ओर इशारा किया तो राजेश उदावत तमतमाते हुए वहां आ गए और कहा कि मैं समझ रहा हूं कि तुम ऐसा क्यों बोल रहे हो? बात बढ़ती इसके पहले ही जैसे-तैसे मामला शांत कराया गया।
सीएम के आने के बाद जब मंडल अध्यक्ष अमितसिंह रघुवंशी और रामबाबू यादव एक बड़ा-सा हार लेकर सीएम को पहनाने जाने लगे तो एक बड़े अधिकारी ने पुलिसकर्मियों से कहकर उन्हें नीचे उतरवा दिया, जबकि उनका नाम स्वागत सूची में था। उन्होंने नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे को वहीं शिकायत की तो उन्होंने स्वागत करवाया। इसी बीच महापौर पुष्यमित्र भार्गव मंच पर चढऩे लगे तो एक टीआई ने उन्हें रोक दिया, इस पर वहां खड़े राजा कोठारी ने कहा कि ये तो महापौर हैं, कम से कम इन्हें तो जाने दो। बाद में नाराज पार्षदों ने नामों की सूची मंगाई तो उनके नाम ही अतिथियों में नहीं थे, जिस पर वे नाराज होते रहे और संगठन को शिकायत करने की बात कही। पार्षदों का कहना था कि जब दूसरे पार्षद मंच पर बैठ सकते हैं तो हम क्यों नहीं?