भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज देश का गौरव और सम्मान है। जान भले ही चली जाए, लेकिन तिरंगे की शान नहीं जानी चाहिए। हर घर तिरंगा अभियान में हम अपने खून-पसीने की कमाई से अपने घर पर फहराने के लिए तिरंगा लें, लेकिन मध्यप्रदेश में तिरंगा को लेकर राजनीति गर्माई गई है। आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर हर घर तिरंगा अभियान और तिरंगा सम्मान महोत्सव को लेकर मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान भोपाल की 10 नंबर मार्केट स्थित राग दरबारी परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान हर घर तिरंगा अभियान के लिए राष्ट्र ध्वज लेने स्वयं राग दरबारी पहुँचे। परिसर में ग्रामीण महिलाओं के स्व-सहायता समूह के स्टॉल से मुख्यमंत्री चौहान ने ध्वज लिया।
झंडे को मुफ्त देने और बेचने को लेकर सियासत जोर पकड़ रही है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के 15 अगस्त पर लोगों को मुफ्त में झंडे देने और महापुरुषों की तस्वीरें देने के ऐलान के बाद यह चरम पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुफ्त में तिरंगे बांटने के विपक्ष के नेताओं के ऐलान पर करारा जवाबी हमला बोला। उन्होंने ने कहा कि मुफ्त में झंडे देना नादानी है। लोगों को अपने खून पसीने की कमाई से तिरंगा खरीद कर घर पर लगाना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत काल में हर घर तिरंगा लहराने का आह्वान किया है। मध्यप्रदेश में हमने तय किया है कि हर घर में 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहरेगा। संपूर्ण प्रदेश में स्व-सहायता समूह की महिलाएँ राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति में दिन-रात लगी हैं। राष्ट्र ध्वज इस धरती का हमारे ऊपर कर्ज है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं राष्ट्र ध्वज मंगवा सकता था, लेकिन मैं हर घर तिरंगा अभियान में स्वयं राष्ट्र ध्वज लेने यहाँ आया हूँ। आप भी स्वयं जाकर राष्ट्र ध्वज लें और अपने घर पर उत्साह और उमंग के साथ तिरंगा फहराएँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 10 नंबर स्थित राग दरबारी परिसर में भोपाल जिले के ईटखेड़ी गाँव के समर्थन स्व-सहायता समूह की महिलाओं से रसीद कटवाकर तिरंगा लिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समूह की सुश्री शिखा मीना, ज्योति विश्वकर्मा, कौसर जहाँ, मंजू गड़वाल, राधा मीना और कृष्णा विश्वकर्मा से तिरंगा निर्माण के लिए जारी गतिविधियों के संबंध में चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर झंडों का निर्माण जारी है। साथ ही सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम स्तर के उद्यमी, दर्जी, प्रिंटर आदि की सेवाएं भी झंडों की आपूर्ति के लिए ली गई हैं। प्रदेश में 01 करोड़ 51 लाख झंडों की आपूर्ति का लक्ष्य है। भारत सरकार की वेबसाइट harghartiranga.com पर झंडे के साथ सेल्फी अपलोड की जाना है। अधिकतम जन-भागीदारी के लिए सोशल मीडिया सहित सभी संचार माध्यमों का उपयोग भी किया जा रहा है।