इंदौर। हाल ही में जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी सिटी अस्पताल में लगी आग के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। इस तरह सूबे के अस्पतालों में आग से निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इन पर भी सवाल उठ रहे है। जब कोई भी घटना घट जाती है तभी सरकार के नुमाइंदों की नींद खुलती है।
आपको बता दें कि जबलपुरी की घटना के बाद सरकार ने पूरे अस्पतालों में जांच के निर्देश दिए उसी समय से अब अस्पताल प्रबंधकों के बीच हड़कंप मच गया है। सिर्फ जबलपुर ही नहीं देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में निजी अस्पतालों का बुरा हाल है. शहर में 60 से ज्यादा निजी अस्पताल ऐसे हैं जो तय मापदंड पूरे नहीं कर रहे हैं, यहां तक कि आग से निपटने के भी इंतजाम नहीं हैं। नगर निगम ने इन्हें फायर एनओसी नहीं दिया है. सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अगर इनमें से किसी में कोई घटना हो जाए तो फिर जबलपुर जैसा कांड हो सकता है।
जबलपुर में हुए निजी अस्पताल की घटना के बाद इंदौर में अब भी लापरवाही बनी हुई है। इस समय आग लगने पर कुआं खोदने जैसी स्थिति में प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम बना हुआ है। शहर के अस्पतालों की पड़ताल चौंकाने वाली नज़र आती है। शहर में 60 से ज्यादा अस्पताल हैं, जिनके पास फायर एनओसी ही नहीं है यानि इन अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है सभी अस्पतालों को बंद नहीं किया जा सकता, लेकिन,ज़रूरी है कि सेफ्टी प्रिकॉशन रखे जाएं।