भोपाल।    नगरीय निकाय चुनाव के दौरान जिन भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के विरुद्ध पार्षद और महापौर के चुनाव लड़े थे, उन्हें अब भाजपा में वापस लिया जाएगा। नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में बीजेपी के मेयर, और अध्यक्ष बनाने की कवायद के चलते बीजेपी संगठन ने यह फैसला किया है। इसको लेकर संगठन ने मंत्रियों और प्रदेश व जिला पदाधिकारियों के जरिये निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने वाले भाजपा के बागियों को फिर बीजेपी ज्वाइन कराने के निर्देश दे दिए हैं। उधर पार्टी सूत्रों के अनुसार कुछ जिलों में तो संगठन के निर्देश मिलने के बाद इस पर अमल भी शुरू हो गया है।

ताजा मामला गुना जिले का है जहां भाजपा से बगावत करने पर पार्टी ने चुनाव के लिए मतदान होने के पहले 14 कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए निष्कासित किया था। इसके बाद चुनाव में इनमें से आधा दर्जन पार्षद जीतने में कामयाब रहे तो मंत्री और विधायकों की मौजूदगी में निर्दलीय चुनाव जीते पांच पार्षदों को भाजपा ज्वाइन करा लिया गया। अब इनके सहारे गुना में नगरपालिका में बीजेपी अपना अध्यक्ष बनाएगी। यही स्थिति अनूपपुर नगरपालिका के मामले में भी है। यहां एक पार्षद की कमी के चलते बीजेपी की नपा पर कब्जे की स्थिति नहीं बन पा रही थी। ऐसे में भाजपा ने मंत्री और विधायकों के जरिये बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने और जीतने वाली महिला पार्षद को बीजेपी ज्वाइन कराया है। नगर परिषद और नगरपालिका में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों को भी पार्टी से जोड़ने का काम चल रहा है। पिछले तीन दिनों में प्रदेश के कई जिलों से निर्वाचित पार्षदों और जिला पंचायत व जनपद पंचायत सदस्यों की टीम ने प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात भी भोपाल में की है।

कटनी महापौर के मामले में संगठन का रुख नरम
कटनी महापौर का पद भाजपा की बागी और छह साल के लिए निष्कासित प्रीति सूरी के खाते में गया है। चुनाव परिणाम आने के बाद प्रीति से भाजपा नेताओं ने बातचीत की है। ऐसे में प्रीति की ओर से कहा गया है कि जो जनता के हित में होगा वह फैसला करेंगे। दूसरी ओर प्रदेश संगठन ने भी संकेत दिए हैं कि जल्द ही प्रीति का निष्कासन रद्द कर पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी।

पंचायत चुनाव के मामले में भी यही स्थिति
प्रदेश में कई जिलों में जिला व जनपद पंचायत सदस्यों के चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों से बगावत कर मंडल और जिला स्तर के पदाधिकारियों ने चुनाव लड़ा था और पार्टी से बगावत कर जीत गए थे। अब जिला पंचायत व जनपद पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इन बागियों की जरूरत भाजपा को पड़ रही है। इसलिए भाजपा की सदस्यता दिलाकर उन्हें जिला पंचायत व जनपद पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के समर्थन के लिए तैयार किया जा रहा है।