रायपुर: कहा जाता है कि दिन की शुरुआत अच्छी हो तो सबकुछ अच्छा ही अच्छा होता रहता है। इसलिए सुबह जब आंख खुले और हमें सकारात्मक ऊर्जा मिल जाए तो समझिए आज का दिन तो बन गया…। क्या आप जानते हैं कि ऐसे कौन-से साइन हैं, जो हमें सकारात्मक ऊर्जा का संकेत देते हैं? साथ ही कौन-से हैं वो काम जो सुबह उठते ही करने से बचना चाहिए ताकि नकारात्मक ऊर्जा हमें छू भी न पाए और हमारा दिन बेहतरीन बन जाए…

अक्सर हमें आदत होती है कि सुबह उठते ही हम सबसे पहले आईना देखते हैं, जबकि हमें इससे पूरी तरह बचना चाहिए। वास्तु विज्ञान का मानना है कि जब हम सुबह सोकर उठते हैं तो हमारे शरीर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है, जिसका सबसे अधिक असर हमारे चेहरे पर होता है। जब हम उठते ही आइना देखते हैं तो वह ऊर्जा आंखों के जरिए एक बार फिर हमारे अंदर प्रवेश कर जाती है। इसलिए हमें मुंह धोने के बाद ही कांच देखना चाहिए।

इनका चेहरा देखना है सबके लिए लकी
ऐसे में सवाल यह उठता है कि हम सुबह अगर चेहरा देखें तो आखिर किसका? इस सवाल का जवाब है कि हम अपने ईष्ट देव का चेहरा देखें क्योंकि सुबह सोकर उठने के वक्त हर व्यक्ति के चेहरे पर अलग-अलग भाव होते हैं। ऐसे में जब किसी का चेहरा देखकर हमारे अंदर भी उसकी नकारात्मकता आ सकती है। इससे बचने के लिए सुबह उठते ही अपने ईष्ट के दर्शन करें ताकि उनका निर्विकार रूप आपको दिनभर के लिए ताजगी और ऊर्जा से भर दे।

क्यों कहते हैं कि हथेली देखो?
हमारे परिवारों में संस्कार के तौर पर हमें एक बात सिखाई जाती है, वह है सुबह उठकर हथेली देखना और हथेली देखते हुए ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥’ श्लोक का जप करना। इसके पीछे वजह यह है कि धर्मशास्त्रों के अनुसार, हाथ के अग्रिम भाग में माता लक्ष्मी, मध्य में मां
सरस्वती और मूल में भगवान विष्णु का वास होता है। सुबह उठते ही पूजाघर तक जाते समय हम कई चीजों को देखेंगे, ऐसे में उठते आंखें अपनी हथेली पर खोलें और अपने भीतर विराजमान ईश्वर का दर्शन करें।

अगर सुबह की शुरुआत हो इस आवाज के साथ
अगर सुबह के समय आपकी आंखें पूजा की घंटी की आवाज या शंख की आवाज के साथ हुई हो तो कहना ही क्या। इसका सीधा-सा अर्थ होता है कि आज के बहुत सारे कष्ट और नकारात्मकता प्रभु ने दूर कर दी है। इसलिए कहा जाता है कि सुबह उठकर खुद पूजा करने करें और भगवान का आशीर्वाद लें साथ ही घर में घंटी या शंख का नाद करें ताकि मन के साथ ही घर की नकारात्मकता भी दूर हो जाए।

आश्चर्यजनक लेकिन प्रभु कथन
सुबह उठकर भगवान का नाम लेना चाहिए यह हम सभी जानते हैं। लेकिन एक रामचरित मानस के अंश सुंदरकांड में स्वयं भगवान हनुमान का एक कथन है, जिसमें वह कहते हैं कि सुबह उठते ही उनका नाम नहीं लेना चाहिए। तुलसीदासजी हनुमानजी के कथन में लिखते हैं – ‘प्रात: लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा।।’ अर्थात हनुमानजी वानर जाति से आते हैं,जो एक श्रेष्ठ योनी नहीं है। इसलिए सुबह उठकर जो सबसे पहले हमारे वानर रूप का नाम लेता है, उसे समय पर भोजन नहीं मिलता। इसीलिए कहा जाता है कि सुबह नाश्ता करने के बाद ही हनुमानजी का पूजन करना चाहिए।