नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों को झटका देते हुए आज स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के लिए सभी काउंसलिंग रद्द कर दी और इसे नये सिरे से कराने का आदेश दिया है। मध्य प्रदेश सरकार की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया। अब प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) की योग्यता सूची के आधार पर काउंसलिंग की जाएगी। पीठ ने राज्य सरकार से एक सप्ताह में नये सिरे से काउंसलिंग की कार्रवाई पूरा करने को कहा है। गाैरतलब है कि संविधान पीठ ने निजी मेडिकल कॉलेजों के संचालकों से पूछा था कि, आखिर कॉलेजों में काउंसलिंग से प्रवेश देने में उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा और ऐसे में क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए?