भोपाल।  नगर निकाय चुनाव में हुए टिकट वितरण के मामले में अपराधियों और उनके परिवार के लोगों को टिकट दिए जाने के मामले में हुई किरकिरी के बाद बीजेपी संगठन इस मामले में सख्त है। ऐसे लोगों को दिए गए टिकट रद्द कर नए टिकट घोषित करने के साथ भाजपा ने सभी जिलों के अध्यक्षों से उन नेताओं की सूची मांगी है जिन्होंने अपराधिक किस्म के नेताओं और उनके परिजनों को टिकट देने की सिफारिश की है। निकाय चुनाव के बाद पार्टी इस मामले में विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के काम में कसावट ला सकता है।

नगर निगम और नगरपालिका व नगर परिषद के चुनाव में जिला और संभागीय स्तर पर हुए टिकट वितरण के बाद आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां सट्टा, जुआ और अन्य अपराधिक वारदातों में लिप्त बदमाशों के परिजनों को टिकट दिए गए। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने साफ तौर पर निर्णय लिया है कि अपराधिक किस्म के लोगों को पार्टी टिकट नहीं देगी।

राजनीति में अपराधीकरण के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा की ओर से कहा गया है कि पार्टी किसी भी स्थिति में ऐसे लोगों को टिकट नहीं देगी। इस पूरे मामले में खास बात यह है कि बीजेपी ने ऐसे मामलों के निराकरण का काम प्रदेश अपील समिति और संभागीय समिति के जरिये किया है। इसके बाद प्रदेश संगठन ने इन दोनों ही समितियों के जरिये यह जानकारी जुटाने का निर्णय लिया है कि बदमाशों और उनके परिजनों को टिकट देने की सिफारिश किस मंत्री, विधायक, सांसद, पदाधिकारी या अन्य जनप्रतिनिधि ने की है। सूत्रों का कहना है कि नगर निकाय चुनाव के बाद भाजपा इस मामले में बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है। इसीलिए ऐसे नेताओं के नाम की सूची तैयार कराई जा रही है।

संगठन की बैठकों में ऐसे नेताओं को तलब कर हिदायत देने का काम भी पार्टी कर सकती है। उधर यह सूचना भी है कि जिन नेताओं ने ऐसे लोगों की सिफारिश थी वे फिलहाल चुप्पी साधकर मामले का पटाक्षेप होने का इंतजार कर रहे हैं।