जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक मुस्लिम युवक ने सुरक्षा और खुद पर दर्ज आपराधिक प्रकरण के खिलाफ याचिका दर्ज की थी। दरअसल मुस्लिम युवक पर एक हिन्दू लड़की को घर से भगाकर शादी करने का आरोप था, जिसके खिलाफ युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। युवक ने सरकार पर आरोप लगाया था कि हिन्दू लड़की को भगाने के आरोप में उसका घर तोड़ा गया है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब में बताया गया है कि लड़की का अपहरण करने के अपराध में मुस्लिम युवक का घर नहीं तोड़ा गया है। बल्कि अतिक्रमण कर बनाए गए घर को हटाया गया है।

दरअसल डिण्डौरी के शहपुरा निवासी आसिफ नामक युवक पर शाहपुर पुलिस ने 5 अप्रैल को अपहरण के तहत प्रकरण दर्ज किया था। हिन्दू लड़की के परिजनों का आरोप था कि युवक उसकी बेटी को जबरदस्ती बस से उतारकर ले गया था। युवक-युवती ने हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार तथा पुलिस द्वारा दर्ज किये गये अपराधिक प्रकरण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि प्रशासन ने युवक के पिता का घर तथा भाई की दुकान तोड़ दी है।

हाईकोर्ट ने एफआईआर को कोई कार्रवाई नहीं करने के निर्देश देते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सरकार की तरफ से बताया गया कि युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के कारण उसके पिता का मकान नहीं तोड़ा गया है। अतिक्रमण के संबंध में विधिवत युवक के पिता को नोटिस जारी किए गए थे। युवक के पिता 30 मार्च को कमेटी के समक्ष उपस्थित हुए थे। कमेटी ने 6 अप्रैल को अतिक्रमण पाते हुए उसे हटाने के आदेश जारी किए थे। एफआईआर दर्ज होने के पूर्व ही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी थी।

युवक के पिता हालिम खान ने बताया कि उसके बेटा आसिफ खान ने हिन्दू समाज की एक लड़की से प्रेम करने की सजा पूरे परिवार को भुगतनी पड़ रही है। प्रशासन ने 7 अप्रैल को बेटे की दुकान तथा 8 अप्रैल को उनका मकान अतिक्रमण बताकर तोड़ा था। शासन ने उन्हें किसी प्रकार को कोई नोटिस नहीं दिया था। इसके अलावा कई अधिकारियों व नेताओं ने सोशल मीडिया में इस बात का उल्लेख किया था कि हिन्दू लड़की का अपहरण करने वाले का मकान तोड़ा गया।

अधिवक्ता अमानुल्ला उस्मानी ने बताया कि आसिफ की तरफ से उन्होंने याचिका पेश की है। सरकार के द्वारा पेश किए गए जवाब में असत्य जानकारी दी गयी है। इस संबंध में वह साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष पेश करेंगे।