मुंबई। उद्धव ठाकरे के काफी करीबी रहे एकनाथ शिंदे ने बगावती तेवर अपनाते हुए सूरत के एक होटल में डेरा जमाया हुआ है। शिवसेना की ओर से मिलिंद नार्वेकर और रवि पाठक ने सूरत में शिंदे से मुलाकात की थी लेकिन, शिंदे ने अपना रुख साफ किया और कहा कि बिना भाजपा के साथ के वो पार्टी में वापसी नहीं करेंगे। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, नार्वेकर ने शिंदे और सीएम उद्धव की फोन पर बात कराई। जिसमें शिंदे ने शर्त रखी कि अगर वो भाजपा के साथ गठबंधन कर लेते हैं तो वे उनके साथ आ जाएंगे। शिंदे ने यह भी दावा किया कि सूरत में उनके साथ शिवसेना के 30 और दो निर्दलीय विधायक भी मौजूद हैं।
मंगलवार का दिन महाराष्ट्र की सियासत में काफी हंगामेदार रहा। शिवसेना के कद्दावर नेता और पार्टी विधायक एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए बगावत कर दी और अपने समर्थक विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में डेरा जमा लिया। उनको मनाने के लिए सीएम उद्धव के कहने पर पार्टी के डैमेज कंट्रोल नेता मिलिंद नार्वेकर और रवि पाठक सूरत पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, नार्वेकर ने शिंदे को मनाने की कोशिश की। यही नहीं शिंदे की सीएम उद्धव पर फोन से बात भी कराई गई। करीब 15 से 20 मिनट तक चली बात में भी शिंदे ने बात नहीं मानी।
भाजपा से गठबंधन पर ही बचेगी शिवसेना
सूत्र बताते हैं कि शिंदे ने सीएम उद्धव से फोन पर बातचीत में कहा कि वो सिर्फ एक शर्त पर ही वापसी करेंगे। अगर पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन कर लेती है तो वो मानने को तैयार हैं। शिंदे ने कहा कि पार्टी के कई विधायक एनसीपी और कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार नहीं है। हालांकि दूसरी ओर सीएम उद्धव ने शिंदे से मुंबई आकर बात करने की बात कही।
30 शिवसेना विधायकों के समर्थन का दावा
मीडिया सूत्र बताते हैं कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी के कई विधायकों के समर्थन का दावा किया है। कहा कि सूरत में इस वक्त शिवसेना के 30 और दो निर्दलीय विधायक मौजूद हैं।
संजय राउत संग सीएम उद्धव की मीटिंग
बताया जा रहा है कि शिंदे की बगावत के बाद संजय राउत और डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजीत पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश में राजनीतिक संकट और शिवसेना विधायकों की वापसी कैसे हो, इसे लेकर चर्चा की गई।
शिंदे पर ऐक्शन ले चुकी है शिवसेना
बता दें कि एकनाथ शिंदे को पार्टी से बगावत करने के मामले में शिवसेना ऐक्शन ले चुकी है। शिंदे को पार्टी के विधायक दल नेता पद से हटा दिया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी के कानूनों को तोड़ने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। हर किसी को इसकी सजा दी जाएगी। राउत ने माना कि शिंदे के साथ पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार के तीन से चार मंत्री सूरत में हैं।