सिंगरौली: मध्य प्रदेश के सिंगरौली की ग्राम पंचायत पीपरखाड़ में चुनाव लड़ रहीं तीन पत्नियों के पंचायत सचिव पति को प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया है. प्रशासन ने पंचायत सचिव से पत्नियों को लेकर 7 दिन में स्पष्टीकरण मांगा था. स्पष्टीकरण देने के बजाए पंचायत सचिव गांव से भाग खड़ा हुआ. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने उससे निलंबन के आदेश जारी कर दिए.
जैसे ही यह मामला खुला था कि शख्स की तीन पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं, वैसे ही इस मामले में हड़कंप मच गया था. अधिकारियों ने जांच की और पाया कि पंचायत सचिव की वास्तव में तीन पत्नियां हैं. ये गैर कानूनी है. अधिकारियों के एक्शन लेने से पहले ही पंचायत सचिव गांव से गायब हो गया.
गौरतलब है कि पंचायत सचिव सुखराम गौड़ निलंबन से पहले कटहदा में पदस्थ था. उसकी तीन पत्नियां पीपरखाड़ ग्राम पंचायत से चुनाव मैदान में हैं. पहली पत्नी कुसुम कली सिंह और दूसरी पत्नी गीता सिंह एक ही ग्राम पंचायत में सरपंच पद की दावेदार हैं.
उसकी तीसरी पत्नी उर्मिला सिंह देवसर के वार्ड क्रमांक 13 से सदस्य पद के लिए प्रत्याशी है. बता दें, इस बात का जैसे ही खुलासा हुआ वैसे ही सुखराम की मुश्किलें बढ़ गईं. अधिकारियों ने आनन-फानन में उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत सुखराम एक जीवित पत्नी के रहते दूसरा विवाह नहीं कर सकता. लेकिन, उसने तीन शादियां की हैं. उस पर कठोर कार्रवाई हो सकती है.
एक ही गांव में रहती हैं तीनों महिलाएं
बताया जाता है कि सुखराम पहले पीपरखाड़ में ही पदस्थ था, लेकिन बाद में उसका ट्रांसफर कटहदा हो गया था. उसकी पहली शादी 30 साल पहले कुसुम कली से हुई थी. उसके बाद उसने दूसरी शादी दस साल पहले गीता से की. इन दो पत्नियों के बावजूद सुखराम ने दो साल पहले तीसरी शादी कर ली. उसकी तीसरी पत्नी का नाम उर्मिला है. तीनों पत्नियां एक ही गांव में ही रहती हैं. हालांकि, उनके घर अलग-अलग हैं. इस मामले में निलंबन से पहले अधिकारियों ने कहा था कि अगर सुखराम स्पष्टीकरण नहीं देता तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूत सुखराम गांव में दिखाई नहीं दिया है.