दुर्ग: दुर्ग बीआईटी ऑडिटोरियम में सिविल सर्विसेस की परीक्षा की चुनौतियां और सफलता कैसे हासिल करे इस विषय को लेकर एक चर्चा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में टॉपर्स ने न सिर्फ अपने अनुभव साझा किए बल्कि UPSC क्रैक करने का तरीका बताया। छत्तीसगढ़ से यूपीएससी 45वें स्थान पर चयनित श्रद्धा शुक्ला ने कहा कि हर इंसान के अंदर भगवान कुछ खास देता है। इसलिए अभ्यर्थी को पहले अपने आपको पहचानना होगा। सिविल सर्विसेज के लिए आप ही क्यों, आपके अंदर क्या खास है। जब आप उसे पहचान जाएंगे और अपना हंड्रेड परसेंट उस पर देंगे तो यूपीएससी जरूर क्रैक कर लेंगे।
इस दौरान कलेक्टर दुर्ग डॉ. एसएन भुरे और एसपी दुर्ग अभिषेक पल्लव ने भी टॉपर्स से सवाल पूछे। यूपीएससी में 51वें स्थान पर चयनित अक्षय पिल्लई ने बताया कि तैयारी करने के दौरान कभी भी रिजल्ट की चिंता न करें। अपनी तैयारी अपने तरीके से जारी रखें। इस दौरान अपने कांसेप्ट क्लीयरिटी पर फोकस करें। विषय विशेषज्ञों से चर्चा करें। अपनी एक रणनीति बनाए और उस पर विचार करें कि उसमें कहां क्या कमी है। इससे आप UPSC एग्जाम जरूर क्रैक कर लेंगे। इस दौरान ऑडिटोरियम छात्रा छात्राओं खचाखच भरा रहा। कार्यक्रम में छात्रों ने भी अपने सवाल रखे, जिसका जवाब टॉपर्स के साथ-साथ कलेक्टर और एसपी दुर्ग ने भी दिया।
मेंस अच्छा निकाल लिया तो सलेक्शन पक्का
216 वें रैंक से चयनित दिव्यांजलि जायसवाल ने बताया कि यूपीएससी में सबसे अहम मेंस में सलेक्शन पाना है। अगर आपने प्री क्रैक करके मेंस अच्छे नंबर से निकाल लिया तो आपको इंटरव्यू में एवरेज मार्क्स भी मिले तो भी आप का सलेक्शन पक्का है। इसके लिए परीक्षार्थी को टाइम मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है। उसे यह आना चाहिए कि उसे कितने नंबर के सवाल में कितना समय देना है और उस टाइम के अंदर उसे पूरी जानकारी देते हुए आंसर लिखना है। इससे मेंस अच्छे निकला जा सकता है।
कोचिंग की भूमिका मात्र 10 से 15 प्रतिशत
कलेक्टर डॉ. भुरे ने टॉपर्स से पूछा कि यूपीएससी की तैयारी कोचिंग सेंटर की कितनी भूमिका है। इस पर टॉपर्स ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी करना यानि कम से कम दो साल या उससे अधिक समय का समय लगना। इतने समय तक कोई भी कोचिंग आपके साथ नहीं रह सकती है। इसलिए सेल्फ स्टडी से ही इसकी तैयारी अच्छे से हो सकती है। प्रारंभिक दौर में कोचिंग का फायदा मिलता है। काफी कुछ सीखने को मिलता है। लेकिन यूपीएससी के सलेक्शन में कोचिंग की भूमिका मात्र 10 से 15 प्रतिशत ही रहती है।
इंटरव्यू में पूछा गया, आपकी हॉबी क्या है
यूपीएससी टॉपर ने बताया कि इंटरव्यू में हॉबी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि डायरी लिखना उनकीहॉबी है। इस पर मेंबर ने कहा कि डायरी लिखना कैसे एक शौक हो सकता है। इस पर उन्होंने अपनी बात को काफी तरीके से रखा और मेंबर को बताया कि डायरी लिखना कैसे अच्छी हॉबी बन सकती है। ज्यूरी इसके बाद उनसे सहमत हुई।