भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्यप्रदेश कॉडर के सभी 360 अधिकारियों  की पिछले साल की नौकरी, छुट्टियों और वेतन-भत्तों के रूप में किये गये भुगतान का हिसाब-किताब केन्द्र सरकार ने मांगा है। इससे केंद्र  सरकार यह आंकलन करेगी कि मध्यप्रदेश में पदस्थ आईएएस अधिकारियों पर अमूमन कितना खर्च किया गया है।

मध्यप्रदेश में पदस्थ सभी आईएएस अधिकारियों का एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि में किए गए काम, छुट्टियों और वेतन भत्तों का हिसाब-किताब तैयार कर राज्य सरकार केन्द्र सरकार को भेजेगी। भारत सरकार के जनरल फायनेंशियल रुल्स और वित्त विभाग के निर्देशों के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सेवा का सत्यापन कराकर राज्य सरकार को केन्द्र सरकार को भेजना है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने राजस्व मंडल के अध्यक्ष, सभी संभागीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष और कलेक्टरों को पत्र लिखकर यह सारी जानकारियां तैयार कर भेजने को कहा है।

एमपी के आईएएस अधिकारियों की पिछले एक साल में कहां-कहां पदस्थापना रही। उन्होंने कार्यभार कब ग्रहण किया और कब उस पद को छोड़ा।  पद छोड़ने का क्या कारण रहा, उनका वेतनमान कितना है। उन्हें इस अवधि में कितना वेतन दिया गया और इस अवधि में दिए गए भत्तों का पूरा ब्यौरा भी तैयार करना है। आईएएस अधिकारियों ने  कितने अवकाशों का उपयोग उपयोग किया, इनमें मेडिकल लीव, चिल्ड्रन केयर लीव, आकस्मिक अवकाश, एलटीसी अवकाश और सामान्य अवकाश सहित कितने प्रकार के अवकाश लिए गए है। इन अवकाशों के दौरान जो वेतन उन्हें दिया गया और अवकाश वेतन की क्या दर है यह सारी जानकारी मांगी गई है।

गलत या कम भुगतानों को पकड़ना होगा आसान
माना जा रहा है कि इसके जरिए ऐसे भुगतान पकड़ में आ सकते हैं जो गलत तरीके से किए गए हैं। सभी आईएएस अधिकारियों का मासिक कार्य और वेतन-भतों के भुगतान की जानकारी एक साथ उपलब्ध होगी तो इसमें यदि किसी अधिकारी को अधिक भुगतान या गलत भुगतान किया गया है तो उसे पकड़ना आसान होगा। इसका आॅडिट करवाया जा सकेगा। यदि कम वेतन-भत्ते मिले है तो उनका अध्ययन कर निराकरण करना आसान होगा।

समय पर मिल सकेंगे पेंशन और अन्य भुगतान
केंद्र की इस कवायद का लाभ अफसरों को होगा। आईएएस अधिकारियों की सेवा, उनके अवकाश, वेतन-भत्तों की पूरी जानकारी समय पर उपलब्ध रहेगी तो इससे आईएएस अधिकारियों की सेवानिवृत्ति  पर उनकी पेंशन शुरु करने, स्वत्वों के भुगतान करने का काम समयसीमा के भीतर हो सकेगा। पेंशन प्रकरणों के लंबे समय तक लंबित रहने और रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलने में देरी से परिवार के पालन-पोषण में होंने वाली असुविधा से बचा जा सकेगा।

ये डिटेल मांगी
कार्यभार अवधि में उन्हें दिया गया वेतन और उनकी सेवा के दौरान वेतन और बिलों के सत्यापन के साथ हर अधिकारी की पूरी जानकारी मांगी गई है।  वेतन, भत्तों और कटौत्रों की माहवार जानकारी पूरे ब्यौरे के साथ भेजना है। सभी विभागों को तत्काल यह सारी जानकारी तैयार कर भेजने को कहा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग सभी अधिकारियों की एकजाई जानकारी डीओपीटी और केन्द्रीय वित्त मंत्रालय को भेजेगा।