ग्वालियर । कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने निर्धारित तिथि तक पुलिस थानों में शस्त्र जमा करने वाले एवं जमा न करने वाले लायसेंसधारियों की अलग-अलग सूची पुलिस अधीक्षक से मांगी है। साथ ही थाने में शस्त्र जमा न करने वाले लायसेंसधारियों के लायसेंस निरस्ती के प्रस्ताव भी उन्होंने मांगे हैं।
ज्ञात हो राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकायों के आम चुनावों की घोषणा के बाद कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने धारा-144 के तहत जिले की सीमा में निवासरत लायसेंसधारियों को अपने शस्त्र पुलिस थानों में जमा करने के आदेश दिए थे। शस्त्र जमा करने की अंतिम तिथि 7 जून 2022 निर्धारित की गई थी।
अस्त्र-शस्त्रों पर प्रतिबंध तथा विस्फोटक पदार्थों की सघन चेकिंग
उधर प्रदेश के मुख निर्वाचन अधिकारी बसंत प्रताप सिंह ने भी पंचायत और नगरीय निकायों के चुनावों को लेकर दिशा निर्देश जारी किये हैं। नगरीय निकायों अथवा संबंधित नगरीय क्षेत्रों एवं वार्ड में आग्नेय शस्त्रों एवं घातक हथियारों को लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाया जाए। ऐसा प्रतिबंध चुनाव परिणाम घोषित होने तक प्रभावशील रखा जाए। यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने शस्त्र का दुरूपयोग कर लोक-सुरक्षा या लोक शांति भंग किए जाने की आशंका हो तो आर्म्स एक्ट 1959 में शस्त्र अनुज्ञप्ति निलंबित कर उसका शस्त्र निकटतम थाने में जमा कराया जाए। शांति एवं व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में निवास करने वाले शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा यदि शस्त्रों का दुरूपयोग करने की आशंका हो तो ऐसे क्षेत्रों के समस्त या चुनिन्दा अनुज्ञप्तिधारियों की अनुज्ञप्तियाँ, आर्म्स एक्ट 1959 के अंतर्गत निलंबित कर उनके शस्त्र निकटतम थाने में जमा कराए जाएँ तथा चुनाव परिणाम की घोषणा हो जाने के बाद स्थानीय परिस्थिति के अनुसार शस्त्र लौटाये जाने की कार्यवाही की जाए। नगरीय निकायों में ऐसे व्यक्तियों तथा उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए, जो अवैध रूप से शस्त्र एवं बारूद रखते हैं, विस्फोटक पदार्थों का भण्डारण एवं प्रदाय करते हैं या वे शस्त्रों का निर्माण एवं व्यवसाय करते हैं, एक सघन अभियान चलाया जाए तथा इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलग्न तत्वों के विरूद्ध संगत अधिनियमों में सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।