भोपाल। महिला अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश के 48 थानों को छोड़ कर सभी थानों में अगस्त से ऊर्जा डेस्क शुरू हो सकती है। प्रदेश में इससे पहले 700 थानों में ऊर्जा महिला डेस्क शुरू हो चुकी थी। बचे हुए थानों के लिए प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा गया था, जहां से मंजूरी के बाद इसके लिए बजट आ गया है।
प्रदेश में महिला अपराधों की रोकथाम के साथ ही महिलाओं को तत्काल मदद देने के उद्देश्य से शुरू की गई ऊर्जा डेस्क अब जल्द ही प्रदेश के सभी थानों में शुरू हो जाएगी। प्रदेश में पहले चरण में कई थाने छूट गए थे। इसके बाद पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा ने बाकी के थानों के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा। यह प्रस्ताव मंजूर हो गया है और इसके लिए बजट का भी आवंटन कर दिया गया है।
खरीदेंगे गाड़ियां-फर्नीचर
हर ऊर्जा डेस्क के लिए केंद्र ने एक-एक लाख रुपए की राशि दी है। इस राशि से महिला पुलिस अफसर के लिए दो पहिया वाहन के अलावा पीड़ित या फरियादी के बैठने के लिए अच्छा फर्नीचर आदि खरीदा जाएगा।
आचार संहिता पर चल रहा विचार
थानों में ऊर्जा डेस्क की स्थापना के लिए करीब ढाई करोड़ रुपए की राशि पुलिस मुख्यालय को मिल गई है, लेकिन आचार संहिता के चलते इसे अभी शुरू किया जाए या बाद में इस पर विचार किया जा रहा है। यदि आचार संहिता को लेकर कोई अडचन आई तो अगस्त के महीने में प्रदेश के लगभग सभी थानों में यह डेस्क शुरू हो जाएगी। हालांकि इसके बाद 48 थाने बचेंगे जिनमें ऊर्जा डेस्क नहीं बन सकेगी।
यह मिलती है मदद
महिला डेस्क को मुख्य रूप से महिला, बच्चों एवं बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया हैं। पहले चरण में महिला डेस्क के लिए ऐसे थानों के चयन को प्राथमिकता दी गई थी, जहां महिला अपराधों की संख्या अधिक है। प्रत्येक जिले में महिला डेस्क के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या उप पुलिस अधीक्षक स्तर के होते हैं तथा थाना प्रभारी के नियंत्रण में डेस्क का संचालन महिला उप निरीक्षक या सहायक उप निरीक्षक द्वारा किया जाता है।