भोपाल। पुलिस के आला अफसर या थाना प्रभारी अब स्कूलों में टीचर की भूमिका में भी नजर आएंगे। ये अफसर बच्चों को आईपीसी सहित कानून का पाठ पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंचेंगे। यह योजना वैसे तो तीन साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन कोविड के चलते पहली बार पूरी तरह से इस शिक्षण सत्र में यह योजना अमलीजामा पहन रही है। इस योजना के जरिए हजारों बच्चों को पुलिस अपराध और उससे संबधित जानकारी देगी। इस योजना से प्रदेश के 560 स्कूल जुड़ चुके हैं। इसकी पढ़ाई के लिए बच्चों को किताबे भी दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में स्टूडेंट- पुलिस- कैडेट (एसपीसी) योजना शुरू की थी। इस योजना में प्रदेश की पुलिस भी जुड़ी, उस साल प्रदेश में इस योजना पर ज्यादा काम नहीं हो सका और अगले साल कोविड के चलते योजना पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी। अब इस शिक्षण सत्र से यह योजना प्रदेश में लागू हो गई है। एसपीसी से प्रदेश के 560 सरकारी और प्रायवेट स्कूल जुड़े हैं।
आठवीं और नवमीं के बच्चों को पढ़ाया जाएगा
इस योजना में आठवीं और नवमीं के बच्चों को ही पढ़ाया जाएगा। जिसमें आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही सायबर एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट के संबंध में बताया जाएगा। इसे पढ़ाने स्थानीय पुलिस के आला अफसर या क्षेत्र के थाना प्रभारी स्कूल जाएंगे। दरअसल इस प्रोग्राम का उद्देश्य है कि आठवीं और नवमीं से ही छात्र-छात्राओं को जिम्मेदार नागरिक बनाया जाए। पुलिस का भय उनमें न रहें, वे भी सायबर एक्ट को जानकर सायबर और आईपीएस पढ़ कर अपराधों से दूर रहें और आगे चलकर पुलिस के मददगार बने। इस योजना के अंतर्गत स्कूलों में पुलिस की कार्यप्रणाली, सड़क सुरक्षा, यातायात जागरुकता, सामाजिक बुराइयां, आपदा प्रबंधन, आत्मरक्षा और शारीरिक प्रशिक्षण आदि के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस पाठ्यक्रम की क्लास सप्ताह में एक दिन लगे।