Mijajilal jain(Swatantr Patrakar)
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चाहे माता-पिता की कोरोना से मृत्यु हुई हो अथवा और किसी कारण से, ऐसा कोई भी बच्चा प्रदेश की धरती पर अनाथ नहीं रहेगा। सरकार उनकी अभिभावक होगी। उनकी देख-रेख का पूरा जिम्मा सरकार पर होगा। सरकार समाज के साथ मिलकर ऐसे बच्चों की शिक्षा, आश्रय आहार और जीवन-यापन की संपूर्ण व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जो परिवार पिता की कमाई पर ही आश्रित हैं, उन परिवारों में पिता की मृत्यु के बाद बच्चों की देखरेख के संबंध में भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री चौहान आज इंदौर की नरसिंह वाटिका में पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन एवं मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्चों के संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने बच्चों से कहा कि यह कभी नहीं समझना कि हमारा कोई नहीं है, आपके साथ मामा है, पूरी सरकार है, हम बच्चों के अभिभावकों की कमी तो पूरी नहीं कर सकते, लेकिन इतना तो कर ही सकते है कि इनकी जिंदगी के कठिन समय को आसान बना सकें और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर सकें। अपने अभिभावकों को खोने का दर्द मैं भी समझ सकता हूँ। मैंने भी बचपन में अपनी माँ को खोया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना में ऐसे बच्चों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह की सहायता मिलेगी। साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जाना जारी रहेगा। उन्होंने बच्चों से कहा कि “खूब पढ़ना, हिम्मत मत हारना, आगे बढ़ना, सरकार हर कदम पर आपके साथ है, राह में कोई रोड़ा नहीं आने देंगे, आपकी सभी जरूरतें पूरी करेंगे, जिससे टैलेंट को पंख लगते रहें।”
तनिष्का की मामा से मिलने की इच्छा हुई पूरी
लाभार्थी बिटिया तनिष्का ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि जब वह 10 साल की थी, तब से उसकी मुख्यमंत्री चौहान से मिलने की इच्छा थी। मुख्यमंत्री चौहान ने उसके सपने के बारे में पूछा, तो तनिष्का ने बताया कि वह जज बनना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “मेहनत करो सरकार तुम्हारे साथ है। अब से मैं हर साल तुमसे मिलूँगा।” अन्य लाभार्थी शिखा ठाकुर, खुशी कुशवाह, आकाश सिंह ने मुख्यमंत्री चौहान और सरकार को दु:ख की घड़ी में सहारा देने के लिए आभार जताया। मुख्यमंत्री चौहान ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया।
सांसद शंकर ललवानी ने कोविड काल के दौरान और उसके बाद के समय में संवेदनशीलता के साथ बच्चों के हित के लिए योजनाएँ बनाने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता पर आभार जताया। उन्होंने बताया कि इंदौर के 418 बच्चों की फीस जमा कराई गई है। सामाजिक संगठन भी सहयोग कर रहे हैं। विजयइंडस्ट्री ने 11 बालिकाओं को गोद लिया है। जिला प्रशासन के अधिकारी, पालक, सहपालक नियुक्त होकर इन बच्चों की देख-रेख में अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। सांसद ने कलेक्टर मनीष सिंह की भी प्रशंसा की। जिन्होंने ऐसे बच्चों के नाम उनके पालकों की ढाई करोड़ रुपए की संपत्ति का नामांतरण करवा दिया।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल चावड़ा, विधायक महेंद्र हार्डिया, आकाश विजयवर्गीय, राजेश सोनकर, गौरव रणदिवे, बच्चों के अभिभावक आदि मौजूद थे।