छतरपुर।  मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में जन सुनवाई के दौरान एक युवती ने देखते ही देखते कलेक्टर के सामने ब्लेड से अपने हाथ की नस काट ली। इसके बाद जनसुनवाई में हड़कंप मच गया। जिले के प्रशासनिक अधिकारी युवती को जिला अस्पताल ले गए जहां उसका इलाज कराया गया। नस कट जाने की वजह से युवती की हाथ में कई टांके भी लगे हैं।

जानकारी के मुताबिक, सविता द्विवेदी नामक युवती पिछले कई महीनों से अपने पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान थी। इस परेशानी को लेकर वह जिला प्रशासन को कई बार आवेदन भी दे चुकी थी। सविता का आरोप है कि इस बार जब वह जनसुनवाई में आवेदन के लिए पहुंची तो कलेक्टर साहब ने उसकी मदद करने से इनकार कर दिया और उल्टा उसे ही काउंसलर के पास भेजने की बात कही। इस बात से गुस्साई सविता ने वहीं पर अपना आवेदन फाड़ा और ब्लेड से हाथ काट लिया। इससे पहले कि आसपास के लोग और कलेक्टर संदीप जे आर कुछ समझ पाते, लड़की का हाथ खून से सन चुका था। आनन फानन में युवती को जिला अस्पताल लाया गया और उसका इलाज किया गया। इलाज के दौरान युवती के हाथ मे कई टांके भी लगाने पड़े।

‘बहनों के भरण-पोषण से इनकार कर रही मां’
सविता ने बताया कि उसका परिवार जिले के बारीगढ़ का रहने वाला है। सविता ने कहा, ‘मेरे पिता जी सरकारी नौकरी में थे। उनकी मौत के बाद परिवार में मां, तीन बहनें और एक भाई ही है। चूंकि पिता सरकारी ने नौकरी में थे इस लिए उनका पीएफ एवं पेंसन सब कुछ मां के पास ही आता है।’ सविता का आरोप है कि उसकी मां अंजू द्विवेदी ने तीनों बहनों के भरण पोषण से मना कर दिया है। सविता का कहना है कि मां के मना करने के बाद हम लोग कहां जाए और हमारा भरण पोषण कैसे होगा। इसी संबंध में पिछले कई दिनों से वह जिला प्रशासन से मदद मांग रही थी लेकिन किसी ने भी मेरी कोई मदद नहीं की, इसीलिए मैं मरना चाहती थी।

मामले पर यह बोले कलेक्टर
सम्बंधित मामले में छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर का कहना है कि मामला परिवारिक विवाद का है। उन्होंने कहा, ‘युवती ने पिछले कई दिनों से आवेदन दिया है लेकिन लड़की की मां उसे अपने साथ रखना नहीं चाहती है और पेंसन एवं पीएफ का पैसा भी नहीं देना चाहती है। यह उनका निजी मामला है। लड़की को महिला काउंसलर के पास भेजने की बात कही गई थी, जिस वजह से वह नाराज हो गई।’