भोपाल। मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर तभी होगा जब प्रदेश का युवा आत्मनिर्भर होगा। इसी उद्देश्य के तहत मध्यप्रदेश में ‘उद्यम क्रांति’ योजना लॉन्च की गई है। योजना के तहत युवाओं को स्वराजेगार के लिए लोन दिलाया जाएगा। इसमें एक लाख से लेकर 50 लाख रुपए तक लोन मिलेगा। प्रदेश सरकार इस लोन की गारंटी लेगी। योजना के क्रियान्वयन में यदि किसी प्रकार की खामी मिलती है तो इसके प्रावधानों में फेरबदल किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार सम्पन्न बनाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना लॉन्च की है। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप योजना को स्व-रोजगार फ्रेंडली बनाया गया है, जिसमें युवाओं को खुद के रोजगार के लिए एक लाख से 50 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकेगा। राज्य स्तरीय कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में इस योजना को लॉन्च करते हुए सीएम चौहान ने खंडवा, जबलपुर, शिवपुरी, पन्ना जिले के युवाओं के साथ संवाद भी किया और कहा कि योजना का लाभ लेकर वे दूसरों को रोजगार देने का काम भी करेंगे।

आयुक्त पी नरहरि ने बताया कि इस स्व-रोजगार योजना में प्रदेश के 12वीं पास एवं 18 से 40 आयु वर्ग के युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक से 50 लाख रुपए तथा सेवा और व्यवसाय गतिविधियों के लिए एक लाख से 25 लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिए बैंकों से ऋण दिलाया जाएगा। योजना के हितग्राहियों को शासन द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क अधिकतम 7 वर्षों के लिए दिया जाएगा।

दो हजार को ऋण स्वीकृत
इस योजना में दो हजार युवाओं को ऋण स्वीकृत कराने का काम एमएसएमई विभाग द्वारा कराया गया है। सूत्रों का कहना है कि इसमें से एक हजार युवाओं को ऋण वितरण होगा जबकि एक हजार को ऋण स्वीकृत हुआ है। हालांकि पोर्टल पर एंट्री होने के कारण दो हजार युवाओं को ऋण मिलना तय है। गौरतलब है कि 31 मार्च तक इस योजना में 5 हजार युवाओं को ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया था लेकिन युवाओं की अरुचि और बैंकों की आनाकानी के चलते इस योजना में दो हजार युवाओं को ही लाभान्वित किया जा सका है। अब चालू वित्त वर्ष में एक लाख युवाओं को लोन दिलाने का काम इस योेजना से किया जाना है।

कमियों को भी दूर करने की तैयारी
सरकार यह जानकारी भी जुटा रही है कि योजना के क्रियान्वयन में किस तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं। जिलों में अलग-अलग टीमों के जरिये बैंकर्स और अफसरों से चर्चा की जा रही है। यदि कुछ खामी होगी तो उनमें सुधार किया जाएगा।

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