भोपाल। देश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी खबर है। बताया जा रहा है कि 12 से 14 साल के करीब 50 लाख से ज्यादा बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस बात की जानकारी दी। कोरोना के मामलों की बात करें तो बीते सात सप्ताहों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आई है। 22 मार्च को देश में कुल सक्रिय केस की संख्या मात्र 23,913 रही। दैनिक पॉजिटिविटी रेट भी 0.28 फीसदी है। इसके साथ ही केंद्र व राज्यों के साझा प्रयासों से अब तक देशवासियों को कोविड रोधी टीकों की 181.56 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।
मप्र में पहले दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा बच्चों को खुराक
मप्र ने एक बार फिर वैक्सीनेशन पर रिकार्ड कायम किया है। बुधवार को प्रदेश में 12 से 14 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वैक्सीनेशन का शुभारंभ किया। मप्र में पहले दिन ही शाम साढ़े पांच बजे तक करीब 3.44 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। देर शाम तक यह आंकड़े और बदलेंगे। दरअसल, देश में 12 से 14 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने का शुभारंभ 16 मार्च से किया शुरू हो गया था। इसमें पहले दिन पूरे देश में कुल 3.70 लाख डोज लगे थे। इसमें सबसे ज्यादा गुजरात में 2.29 लाख डोज लगे थे। इस तुलना में मप्र में टीकाकरण के पहले ही दिन रिकॉर्ड 3.44 लाख से ज्यादा डोज लगाए गए हैं। प्रदेश में शाम 5.30 बजे तक सागर में सर्वाधिक 16350, बालाघाट में 16234, इंदौर में 15060, मुरैना में 14263, जबलपुर में 13557 और भोपाल में 12 हजार से अधिक डोज लगाए गए।
भारत में नोवोवैक्स वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
नोवोवैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया ने भारत में 12-18 साल की उम्र के किशोरों के लिए अपने कोविड-19 वैक्सीन के पहले आपातकालीन उपयोग की मंजूरी की घोषणा की। नोवोवैक्स द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया द्वारा कोवोवैक्स नाम से बनाया जा रहा है। यह पहला प्रोटीन-आधारित वैक्सीन है जो भारत में इस आयु वर्ग में उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया ने 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए कोवोवैक्स के आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति दी है।