उज्जैन। मध्य प्रदेश के केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में नशे का कारोबार किस चरम पर है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जेल के प्रहरी इस बात की शिकायत लेकर कलेक्टर के पास पहुंच गये। इसके साथ ही जेल प्रहरियों ने कलेक्टर से अधीक्षक की शिकायत भी की है। मंगलवार को जनसुनवाई में इस बार आमजन के साथ-साथ जेल में दिन-रात ड्यूटी करने वाले करीब 10 प्रहरी अपनी पीड़ा लिए पहुंचे। यह सभी प्रहरी जेल अधीक्षक से परेशान होकर कलेक्टर के पास पहुंचे थे।
प्रहरियों ने जेल अधीक्षक उषा राज पर गम्भीर आरोप लगाया कि जेल अधीक्षक हर दूसरे महीने में हमारा तबादला तहसील जेलों में कर देती हैं। तबादले की वजह से हमारे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है और परिवार भी परेशान होता है, जबकि जेलों में ऐसे भी प्रहरी हैं जो 20-20 साल से एक ही जगह पदस्थ है और गृह जिले में है। इसके साथ ही जेल में मादक पदार्थ तस्करी भी चरम पर है जो किसी से भी छुपी हुई नहीं है।
हाल ही में प्रहरी पर नशे के आदी कैदी ने 2 मार्च को हमला कर दिया था। जिसकी शिकायत जेल अधीक्षक से की गई लेकिन आज भी कैदियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ। प्रहरियों ने कहा, ‘हम आवाज उठाते हैं तो हमें तबादला मिलता है। उसी से परेशान होकर आज हम जनसुनवाई में पहुंचे हैं! पूरे मामले को जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने गंभीरता से लिया और एडिशनल एसपी व एडीएम को जेल भेज कर मामले को समझने की बात कही व प्रहरियों को आश्वासन दिया की निष्पक्ष जांच होगी।’
जेल अधीक्षक ने कही यह बात…
जेल अधीक्षक ने कहा कि यह प्रशासनिक व्यवस्था है। तबादले की हाल-फिलहाल हमारे यहां बडनगर तहसील जेल में कोई सेटअप नहीं है। भोपाल से आदेश है कि बड़नगर जेल की व्यवस्था चलाने के लिए प्रहरियों को उज्जैन जेल से पाबंद किया जाए। उसी के तहत प्रहरियों को भेजा जाता है व बुला लिया जाता है। जेल अधीक्षक ने कहा कि जेल के तीन प्रहरियों को कही ड्यूटी नहीं करना है, बस घूमना है। ये काम नहीं करना चाहते ये इसलिए जेल को बदनाम करने कलेक्टर साहब के पास पहुंचे हैं।
जेल अधीक्षक से जब मादक पदार्थ तस्करी को लेकर सवाल किया तो जेल अधीक्षक ने उल्टा शिकायत करने पहुंचे प्रहरियों पर ही आरोप लगा दिया कि यही लोग हैं जो तस्करी करते हैं और इसी कारण से इनको भेजा जाता है। जेल अधीक्षक का यह भी कहना है कि एक ही जगह काम नहीं करना होता है हमें भी अगर कोई भेजेगा कहीं तो हमें भी करना पड़ेगा।
जेल अधीक्षक का कहना है कि यह प्रहरी बंदियों से मारपीट भी करते हैं, जबकि कलेक्टर से हुई शिकायत में प्रहरी ने बताया कि बंदियों द्वारा उनसे मारपीट की गई। जिसकी आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। जेल अधीक्षक ने कहा कि बिना परमिशन के यह लोग कलेक्टर के पास शिकायत के लिए पहुंचे हैं जिसका लिखित मैं जवाब देना होगा।