भिण्ड। गणाचार्य विराग सागर महाराज ने कहा कि हर व्यक्ति की आत्मा में शक्तियों का भण्डार है। हमारी हर शक्ति भक्ति की परीक्षा लेती है, जो परीक्षा में जो भी प्राणी सफल हो जाते हैं वे हर कार्य में सफलता पाते हैं। गणाचार्य स्थानीय बतासा वाजार में भगवान आदिनाथ दिगंवर जैन चैत्यालय मंदिर के ऋषभ सत्संग भवन में एक धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य विराग सागर महाराज ने णमोकार महामंत्र की महिमा स्पष्ट करते हुए कहा कि यह मंत्र बडा ही प्रभावशाली है। जिंदगी भर पापाचार करने वाले अंजन चोर जिसके पीछे सिपाही दौड रहे थे, उसकी जिंदगी कुछ ही समय के लिए रह गई थी उसने णमोकार मंत्र में सच्ची श्रद्धा रखी तो आकाशगामिनी विद्या सिद्ध हो गई। महामंत्र के प्रभाव से सारे बिगडे काम बन जाते हैं। इसका ऐसा प्रभाव है कि बिषैला नाग भी फूल का हार बन जाता है, धधकती अग्नि शीतल जल बन जाती है। बशर्ते हमारी सच्ची श्रद्धा महामंत्र के प्रति हो। उन्होंने कहा कि 84 लाख जितने भी मंत्र हैं वे सभी एकमात्र णमोकार मंत्र से ही उत्पन्न हुए है। इस मंत्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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