भोपाल । 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त हो गए हैं। आज शाम पीएचक्यू पहुंचकर उन्होंने पदभार ग्रहण किया। इससे पहले दोपहर को गृह विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए थे। उन्होंने विवेक जौहरी का स्थान ग्रहण किया, जो आज सेवानिवृत्त हो गए।
मूलत: ग्वालियर निवासी सक्सेना केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कैबिनेट सचिवालय में सचिव सुरक्षा पदस्थ थे। उन्हें पुलिस महानिदेशक बनाने के लिए राज्य सरकार ने सेवाएं लौटाने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया था, जिसे मान्य करते हुए दो मार्च को सेवा लौटाने के आदेश जारी किए गए थे। सक्सेना रायगढ़, छिंदवाड़ा, रतलाम और जबलपुर के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। वे 2002 से 2009 तक सीबीआइ में डीआइजी रहे। इसके बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे और पुलिस महानिरीक्षक इंटेलीजेंस बनाए गए। 2012 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी बनाए गए। पुलिस मुख्यालय में प्रशासन का काम भी देखा। 2016 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए थे। सीआइएसएफ में 2018 से अगस्त 2021 तक सेवाएं दीं। इसके बाद उन्हें कैबिनेट सचिवालय में सचिव सुरक्षा पदस्थ किया गया था।
आज से 28 साल पहले विवेक जौहरी जब रतलाम SP हुआ करते थे, तब उनके तबादले पर 12 अगस्त 1994 को सक्सेना ने उनसे SP का चार्ज लिया था। आज फिर इतिहास ने खुद को दोहराया। विवेक जौहरी DGP के पद से रिटायर हुए और उन्होंने सक्सेना को चार्ज सौंपा।
चार्ज लेने के बाद नवागत के डीजीपी सुधीर सक्सेना ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग, टेक्नोलॉजी पर उनका जोर रहेगा। सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आम जनता के हित में काम करेंगे। सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार हमारी भी प्राथमिकता रहेगी। पुलिस को तकनीकी रूप से सक्षम करेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मंशा अनुसार स्मार्ट पुलिसिंग पर काम करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने विवेक जौहरी के दो साल के कार्यकाल को सफलतापूर्ण बताया।
इससे पहले मोती लाल नेहरू स्टेडियम में डीजीपी जौहरी का परेड द्वारा अभिवादन किया गया। इसके बाद खुजी जिप्सी में जौहरी सवार हुए। जिप्सी को पुलिस अधिकारी, कर्मचारी रस्सी के सहारे खींचकर स्टेडियम के बाहर तक ले जाकर उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया। जौहरी ने कहा कि कोविड के दौरान हमने 162 पुलिसकर्मी खोए। 14 हजार से अधिक जवान संक्रमित हुए। जौहरी ने कहा कि कोविड का अनुभन नहीं होने के बावजूद पुलिस ने जन सेवा किया। हर मुश्किल वक्त में पुलिस लोगों के साथ खड़ी रही।