जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने छतरपुर जिले की एक नगरपरिषद् में एक ट्रैक्टर चालक को नियम विरुद्ध तरीके से अतिरिक्त राजस्व उप निरीक्षक बनाने व मुख्य नगरपरिषद् अधिकारी का प्रभार दिये जाने पर सरकार के कई जिम्मेदार अधिकारियों से जवाबतलब किया है।
अदालत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति एसके पॉलो की युगलपीठ ने कल इस मामले में याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों की तरफ से जवाब नहीं किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पुन: नोटिस जारी किये है।
छतरपुर निवासी इशराज मोहम्मद की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि नवाब सिंह को वर्ष 1984 में हरपालपुर नगर परिषद में ट्रैक्टर चालक के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उसे उपकृत करते हुए नगर परिषद ने मोहर्रिर के पद पर नियुक्ति प्रदान कर दी। इसके बाद परिषद की जिला चयन समिति ने 8 जनवरी 2008 को उसे मोहर्रिर के पद से सीधे अतिरिक्त राजस्व उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी, जबकि वह इस पद के लिये योग्य नहीं था।
याचिका के मुताबिक नवाब सिंह को नियम विरुद्ध तरीके से लाभ पहुंचाते हुए हरपालपुर नगर परिषद का प्रभारी सीएमओ भी बना दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है।
याचिका में प्रमुख सचिव व आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग, उपसंचालक, नगरीय प्रशासन विभाग सागर व नवाब सिंह सहित सीएमओ नगर परिषद हरपालपुर को पक्षकार बनाया गया है। मामले में पूर्व में नोटिस जारी होने के बावजूद भी जवाब न दिये जाने को गंभीरता से लेते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।