इंदौर। शहर में मेट्रो का काम अब तेजी से चालू हो गया है। एयरपोर्ट से निकलकर शहर के चक्कर लगाकर आने के बाद कई इलाकों में यह जमीन के ऊपर रहेगी, जबकि एयरपोर्ट इलाके में यह भूमिगत होगी। इससे एयरपोर्ट पर विमानों के परिचालन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी। यहां पर विशेष तरीके से मिट्टी का परीक्षण भी किया जाएगा। इससे पहले विजय नगर इलाके में मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए मिट्टी का 10 बार परीक्षण किया गया था।

जानकारी के अनुसार बीते दिनों एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। एयरपोर्ट प्रबंधन ने यहां पर मेट्रो के स्वरूप के बारे में पूछा था, साथ ही यह जानकारी भी दी थी कि एयरपोर्ट के फनल एरिया होने के कारण यहां पर मेट्रो का स्वरूप भूमिगत ही हो। इस पर उन्हें जानकारी दी गई कि एयरपोर्ट इलाके में मेट्रो भूमिगत ही रहेगी, जिससे प्रबंधन को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहां पर मिट्टी का परीक्षण करने के लिए भी विशेष तरीका अपनाया जाएगा, जिससे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।

इसके सुपर कारिडोर पर मेट्रो का स्वरूप एविलेटेड ही रहेगा, जबकि यहीं गांधी नगर में सुपर कॉरिडोर पर ही 75 एकड़ जमीन पर मेट्रो डिपो निर्मित किया जाएगा, जिसके लिए 284 करोड़ के टेंडर बुलाए गए है। अंतिम दौर में छह कंपनियां बची है। इस डिपो में वर्कशॉप, प्रशासनिक दफ्तर, क्लीनिंग शेड, टेस्टिंग ट्रैक, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, पंप रूम, ट्रेनिंग सेंटर व केंटिंग सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी।

आधे शहर से एयरपोर्ट पहुंचने में होगी आसानी

मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियाें ने बताया कि इंदौर मेट्रो का रूट करीब 31.5 किलोमीटर का रहेगा। इसमें एयरपोर्ट, गांधी नगर, सुपर कारिडोर, एमआर 10, विजय नगर, रेडीसन चौराहा, खजराना, बंगाली चौराहा, पलासिया, हाईकोर्ट, रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा, बड़ा गणपति होते हुए वापस एयरपोर्ट का चक्कर लगाएगी। एयरपोर्ट आने जाने वाले यात्रियों को इससे काफी सुविधा हो जाएगी। वहीं प्रबंधन मेट्रो स्टेशन से टर्मिनल तक बैटरी कार भी चलाने की योजना बना रहा है।