ग्वालियर। माधव बाल निकेतन वृद्ध आश्रम में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर संत समागम का आयोजन मानव जीवन में भक्ति का महत्व पर सुप्रसिद्ध संतो द्वारा सत्संग किया गया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर संतोष गुरुजी महाराज सच्चिदानंद संत ढोली बुआ महाराज सुप्रसिद्ध भगवताचार्य घनश्याम दास शास्त्री जी रामचरितमानस के वक्ता श्री जे पी पाठक जी बाल संत श्री राधा कृष्ण दास जी महाराज मौजूद रहे।माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम में आज 5 फरवरी बसंत पंचमी का पर्व संत समागम के साथ मनाया गया।
आश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया की बसंत पंचमी के पर्व पर वृद्धों को भक्ति भाव से जोड़ते हुए समिति द्वारा संत समागम का आयोजन किया गया। जिसमें मानव जीवन में भक्ति का महत्व पर संतों ने जीवन प्रकाश डाला। सत्संग में मौजूद महामंडलेश्वर संतोष गुरुजी द्वारा ज्ञान कर्म और भक्ति पर प्रकाश डालते हुए बोला कि जीवन में तीनों का समावेश होना बहुत आवश्यक है उसी से जीवन सफल हो जाता है।
सत्संग कहते हुए सच्चिदानंद डोली बुआ महाराज जी ने कहा कि जो अंत के साथ जीता है वही संत कहलाता है ,संत का अर्थ है अपने ज्ञान से सभी को जीवन प्रकाश देना ।रामकथा के मर्मज्ञ ज्ञाता जेपी पाठक जी ने रामायण के दोहे सरल भाषा में समझाते हुए संतों का महत्व गुरु की महिमा का बखान किया। वही सुप्रसिद्ध भागवताचार्य घनश्याम शास्त्री जी ने ग्रुप और संतों का साथ पर विशेष जोर दिया और कहा सत्संग से ही जीवन सफल हो जाता है।
इस अवसर पर बाल आचार्य राधा कृष्ण महाराज जी ने सत्संग में संतो के वचनों को जीवन में अपनाने अमल में लाना ही जीवन का मूल मंत्र है। सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष पवन भटनागर जी ने वृद्ध जीवन पर प्रकाश डाला। वहीं चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव ने उपस्थित संतों का आतिथ्य स्वीकार करने के लिए आभार व्यक्त किया और संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर मंच संचालन संस्था के सह सचिव मनोज दुबे जी ने और आभार प्रभारी सचिव श्याम श्रीवास्तव ने व्यक्त किया। सत्संग में संस्था अधीक्षक सीमा सक्सेना लक्ष्मी भटनागर, शशि चौहान पप्पू भटनागर हरि ओम शर्मा धर्मेंद्र तोमर रेखा शुक्ला पुष्पा तिवारी उमा शर्मा सलोनी सहित अन्य पदाधिकारी एवं श्रद्धालु गण मौजूद रहे।